न्यूज़ डेस्क
राजस्थान के जोधपुर में महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट में एक अनोखे मामला सामने आया। जिसमें सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट भाग खड़े हुए, जिससे कोर्ट में खलबली मच गयी। मजे की बात ये है जिससे डर के मजिस्ट्रेट साहब भागे वो एक गाय थी।
राजस्थान के जोधपुर में महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट में आज एक अनोखे मामले में सुनवाई हुई। यहां मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद में एक गाय को कोर्ट में पेश किया गया।
सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट संख्या तीन के पीठासीन अधिकारी मदन चौधरी को न्यायधीश की कुर्सी से उठकर कोर्ट रूम के बाहर आना पड़ा।
सुनवाई कर रहे मजिस्ट्रेट संख्या तीन के पीठासीन अधिकारी मदन चौधरी को न्यायधीश की कुर्सी से उठकर कोर्ट रूम के बाहर आना पड़ा। इस वाकये को देखकर हर कोई हैरान था।
इस वाकये को देखकर हर कोई हैरान था। गाय का कोर्ट में पेश किया जाना लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। गाय पर एक दो लोगों के मालिकाना हक जताने की वजह से पिछले 9 महीने से केस चल रहा है।
सुनवाई के दौरान पीठासीन अधिकारी मदन चौधरी कोर्ट रूम से बाहर आए। गाय को गाड़ी में ही उनके सामने पेश किया गया। इस दौरान उन्होंने मालिकाना हक जताने वाले एक पक्ष से गाय का निशान पूछा। इस पर एक महिला ने बताया कि गाय की गर्दन पर निशान है। जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने गाय की फोटो व दोनों दावेदारों को गाय के पास खड़े कराकर फोटो लेने की बात कही।
मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद इस मामले में दोनों पक्षों के बयान होंगे और उसके बाद मामला सुनवाई तक पहुंचेगा। बता दें कि दोनों दावेदार इस बात पर अड़े हैं कि चाहे सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़ना पड़े वह अपनी गाय लेकर रहेंगे।
ये है मामला
शिक्षक श्याम सिंह व कांस्टेबल ओमप्रकाश के बीच एक गाय के मालिकाना हक को लेकर अगस्त 2018 से विवाद चल रहा है। इस मामले को लेकर मंडोर थाने में एक वाद दर्ज किया गया था। थाने ने अपने स्तर पर इस मामले को सुलझाने की कोशिश की थी।
उन्होंने एक तरफ शिक्षक श्याम सिंह और दूसरी तरफ ओम प्रकाश को खड़ा कर बीच में गाय को खड़ा कर दिया। फिर आवाज देने के लिए कहा, लेकिन गाय दोनों की तरफ नहीं गई।
जांच का ये तरीका अपनाया
शिक्षक श्याम सिंह गाय पर अपना हक जताते हुए कहा कि गाय खुद का दूध खुद पीती है। जबकि ओमप्रकाश ने कहा गाय की एक बछड़ी है और वह खुद का दूध नहीं पीती है। इत्तेफाक से गाय उस वक्त दूध नहीं देती थी।
इसलिए गाय को मंडोर गौशाला में रखा गया। साथ ही वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए ताकि जब गाय दूध दे तो यह देखा जा सके कि गाय खुद का दूध खुद पीती है या नहीं ? लेकिन इस जुगाड़ से भी काम नहीं बना।