जुबिली न्यूज डेस्क
रामनवमी को चैत्र मास की नवमी तिथि के नाम से भी जाना जाता है। इसके आलावा ऐसा माना जाता है कि इसी दिन रामलला ने धरती पर अवतार लिया था। अयोध्या के राम मंदिर में रामनवमी पर रामलला के सूर्य तिलक का समय 5 से 6 मिनट तक किया गया है, जिसमें सूर्य की किरणें रामलला के ललाट को दिव्य रूप से सुशोभित कर रही थीं।
भगवान राम का सूर्य तिलक विज्ञान के फॉर्मुले के अनुसार किया गया है, जिसका ट्रायल वैज्ञानिकों द्वारा पहले से ही हो चुका है। आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार, रामनवमी के अवसर पर रामलला के सूर्य तिलक और पूजा की तैयारियां हो गई हैं। रामनवमी के कार्यक्रम में रामलला का पंचामृत से स्नान करवाया गया है, 4 से 5 प्रकार की पंजीरी बनी है, साथ ही छप्पन भोगों का भोग लगाया गया है।
surya bagawan blissfully radiating on the sicon of his kula. How blessed we are to have this darshanam. #ramanavami #AyodhyaRamMandir pic.twitter.com/rdaluwHZy6
— krithika sivaswamy (@krithikasivasw) April 17, 2024