जुबिली न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी को रामायण की प्रति भेजी है। उन्होंने इसके साथ ही उन्हें सलाह दी है कि वह भगवान राम का विरोध करना छोड़ दें, वरना उनका जयश्री राम हो जाएगा।
शर्मा ने रविवार को रामायण की प्रति भेजने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “दीदी, आपसे प्रार्थना है। जय श्रीम बोलना सीखो…। राम का विरोध करना बंद करो। आपने जो बंगाल की भूमि पर जो राम का अपमान किया है, ये राम का अपमान नहीं…बंगाल के हर नागरिक का अपमान है। ये उस माटी का अपमान है, जहां से क्रांति की अलख जगी थी। जहां से आजादी का स्वर गूंजा था। पूरे देश ने उस स्वर को पकड़ा था। फिर प्रार्थना है दीदी, राम का विरोध तज दो, वरना आप का जय श्रीराम हो जाएगा। मैं आपको रामायण भेज रहा हूं। उम्मीद है कि आप इसे पढ़ेंगी और गर्व से कहेंगी- जयश्री राम।”
#WATCH | Madhya Pradesh Protem Speaker Rameshwar Sharma says he is sending a copy of Ramayana to West Bengal CM Mamata Banerjee; says, "Mamata Didi, are you not chanting Jai Shri Ram due to pressure from extremists? Agar aap Ram bolne se chukengi to apka Jai Shri Ram ho jayega." pic.twitter.com/R70rF8lAnd
— ANI (@ANI) January 24, 2021
दीदी को रामायण का पाठ क्यों करना चाहिए? उन्होंने इस पर आगे जवाब दिया- मैं उम्मीद करता था कि हर कोई राम को समझता होगा। भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्त्म हैं। ये देश राम का है, परिवेश राम का है। बापू ने भी देश की आजादी के लिए कहा था कि वह रामराज्य लाएंगे। हर कोई उनके साथ खड़ा होग या था। क्या बापू के जयश्रीम से आपको (दीदी) नफरत है? क्या यह भी किसी से पूछ कर बोला जाएगा? यह ठाठ से बोला जाएगा। इस पर प्रतिबंध नहीं लग सकता।
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बकौल शर्मा, “अरे, हम तो उम्मीद करते थे कि आप भी गर्व से कहेंगे जयश्री राम। राम किसी के विरोध में नहीं। ये सारी सृष्टी उन्हीं की है। वह सबको साथ लेकर कहता है कि सबका कल्याण हो, उस राम का विरोध? आप नेताओं और दलों का विरोध करें। कल आपने जो किया, वो ठीक नहीं है। सरकारी कार्यक्रमों में यह नारा बोलने पर प्रतिबंध नहीं है।”
शर्मा ने अपने फेसबुक पोस्ट में यह भी लिखा, “मुस्लिम वोट बैंक के लिए ममता दीदी जय श्रीराम के नारों से आपकी तकलीफ़ पीड़ादायक है। दीदी रामायण भेज रहा हूं, पढ़िए और श्रीराम के चरित्र को समझिए।”
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दरअसल, बंगाल में शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्रबोस की 125वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में जयश्री राम के नारे लग गए थे। ममता ने उन्हीं का विरोध किया था और भाषण देने से इन्कार कर दिया था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां मौजूद थे।