न्यूज डेस्क
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ‘राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ नवगठित ट्रस्ट की आज दिल्ली में अहम बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि महंत नृत्य गोपाल दास और चंपत राय दोनों नए ट्रस्ट में मनोनीत किए जा सकते हैं। साथ ही मंदिर निर्माण के लिए चंदा लेने का स्वरूप क्या हो इस पर भी चर्चा की जाएगी।
ट्रस्ट के सभी सदस्य दिल्ली पहुंच चुके हैं और बुधवार को रामलला के वकील रहे केशवन अय्यंगार परासरण के ग्रेटर कैलाश स्थित घर पर ट्रस्ट की पहली बैठक होगी। इस बैठक का मुख्य एजेंडा मंदिर निर्माण की तिथि और तौर-तरीकों के साथ-साथ, नए सदस्यों का चुनाव होगा।
बताया जा रहा है कि ट्रस्ट में दो नए सदस्यों की आज घोषणा होगी। सूत्रों की माने तो VHP के चंपत राय ट्रस्ट और राम मंदिर न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास ट्रस्ट के सदस्य बन सकते हैं। बैठक में दोनों के नामों की घोषणा हो सकती है। ट्रस्ट की बैठक में दोनों लोग शामिल होंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी भी राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल होंगे। वहीं, अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा भी राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, राम मंदिर बनाने के साथ ही ट्रस्ट बृहद राम कॉम्प्लेक्स बनाने पर भी विचार करेगी। इसके लिए ट्रस्ट की पहली बैठक में और जमीन लेने पर विचार किया जाएगा, ताकि मंदिर का कैंपस सरयू तक पहुंच सके। इसके साथ ही ट्रस्ट की पहली बैठक में अयोध्या के मास्टर प्लान बनाने पर भी चर्चा होगी।
ट्रस्ट सूत्रों का कहना है की भूमि पूजन 25 मार्च से 8 अप्रैल के बीच हो जाएगा, लेकिन निर्माण कार्य शुरू करने में अभी वक्त लगेगा। गौरतलब है कि ट्रस्ट पूरे जमीन की पैमाइश कराने, उसका समतलीकरण कराने के साथ-साथ मंदिर निर्माण स्थल की मिट्टी जांच कराने के लिए भूगर्भ शास्त्रियों की राय लेने और वास्तु शास्त्रियों से राय लेने की अपनी प्रक्रिया शुरू कर चुका है।
ट्रस्ट के सदस्य अलग-अलग जगहों पर वकीलों, भूगर्भ शास्त्रियों, आर्किटेक्ट और सिविल इंजीनियर से राय लेने में जुट गए हैं। इस पर भी ट्रस्ट की पहली बैठक में विचार होगा। साथ ही निर्माण कार्य का जिम्मा किस कंपनी को सौंपा जाए इस मुद्दे पर भी ट्रस्ट निर्णय करेगा।
सूत्रों का कहना है कि सबसे पहले ट्रस्ट मंदिर निर्माण की तिथि को तय करेगा और जो मॉडल राम मंदिर का है उसी को और कितना विशाल और भव्य बनाया जा सकता है, इस पर ट्रस्ट निर्णय करेगा। ट्रस्ट अब चाहता है कि मंदिर भव्य बने और मॉडल को बदलना भी ना पड़े।
राम मंदिर निर्माण शुरू करने से पहले रामलला विराजमान को विस्थापित कर कहां रखा जाए इस पहलू पर विचार करेगा। मौजूदा समय में जो सुरक्षा है उस सुरक्षा को क्या बहाल रखा जाए या उसको बदला जाए इस पर ट्रस्ट निर्णय करेगा।
बुधवार शाम 5 बजे की प्रस्तावित बैठक से पहले ट्रस्ट कानूनी और तकनीकी राय लेने में जुटा हुआ है। इसमें ट्रस्ट का साथ विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई वरिष्ठ नेता दे रहे हैं। ट्रस्ट अपनी पहली बैठक में कानूनी पहलुओं पर विचार करेगा।
इस बीच राम के नाम पर साधू-संन्यासी कई फाड़ में बंटते नजर आ रहे हैं। दरअसल, ‘राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ की बैठक से पहले ज्योतिष और द्वारका शारदा पीठाधीश्वर की अगुवाई वाले रामालय ट्रस्ट ने राम मंदिर के लिए 1008 किलो सोना दान के जरिये जुटाने के लिए स्वर्ण-संग्रह-सपर्या अभियान की शुरुआत की है।
सपर्या प्रमुख ने रामलला को राम मंदिर बनने तक जिस बाल मंदिर में रखने की जिद ठानी है, उसे मंगलवार को प्रदर्शित किया गया। साथ ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा किया गया।
क्या ये वही मंदिर होगा जिसमें रामलला को टेंट से निकालकर अस्थायी रूप से तब तक स्थापित किया जाएगा जब तक राम मंदिर पूर्ण रूप से बन नहीं जाता? ज्योतिष और द्वारका शारदा पीठाधीश्वर की अगुवाई वाले रामालय ट्रस्ट ने फिलहाल ऐसा ही दावा मंगलवार को 24 फीट ऊंचे बाल मंदिर को प्रदर्शित करते हुए किया।
दावा किया जा रहा है कि ये सिर्फ सागवान के लकड़ी का विशाल बाल मंदिर ही नहीं है, बल्कि इसे दाम में मिले 100 किलो सोने से मंडित भी किया जाएगा। इतना ही नहीं, इसमें रखे सिंहासन को भी 8 किलो सोने से रामालय ट्रस्ट मंडित कराएगा, और तो और दान में मिले 900 किलो सोने को ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर के मुख्य शिखर पर लगाया जाएगा।
दावा किया जा रहा है कि 1008 किलो सोना जुटाने के लिए रामालय ट्रस्ट की ओर से बनाए गए स्वर्ण-संग्रह-सपर्या की शुरुआत भी कुछ दिनों पहले वाराणसी में की जा चुकी है। बाल मंदिर के प्रदर्शन के साथ ही स्वर्ण-संग्रह-सपर्या प्रमुख स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उनकी ओर से दान में जुटाए जाने वाले सोने के विरोध के सवाल पर कहा कि राम जी के लिए कोई एक ही संस्था काम नहीं कर सकती है। अगर हम अपने उद्देश्य से भटके तो समस्या आ सकती है।
उन्होंने कहा कि किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। बाल मंदिर और दान का सोना अस्वीकारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम ऐसी कल्पना नहीं कर सकते हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि नियमों को ताख पर रखकर ट्रस्ट बनाया गया है। इसके लिए वे कोर्ट जाएंगे।