जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव की तैयारी तेज हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस अब पहले से ज्यादा एक्टिव हो गए है। जहां एक ओर बीजेपी का पूरा फोकस राम मंदिर को लेकर है तो दूसरी ओर कांग्रेस अब भारत न्याय यात्रा के सहारे लोकसभा चुनाव में करिश्मा करना चाहती है। बीजेपी एक बार फिर लोकसभा चुनाव में राम के नाम पर लड़ सकती है।
इतना ही नहीं राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने में बेहद कम दिन रह गए है। बीजेपी राम मंदिर के नाम पर पहले भी वोट बैंक की सियासत करती रही है।
ऐसे में लोकसभा चुनाव में वो इस मुद्दे को फिर से उठा सकती है लेकिन फर्क सिर्फ इतना होगा कि वो इस बार कहेंगी जो उसने जो वादा किया था उसे पूरा किया है और राम मंदिर बन गया है। दूसरी तरफ मोदी को रोकने के लिए विपक्ष एकता अभी तो देखने को मिल रही है लेकिन आगे क्या ये कायम रहेगी ये एक बड़ा सवाल है। इस बीच राहुल गांधी एक बार फिर जनता के बीच पहुंच रहे हैं।
भारत न्याय यात्रा 14 जनवरी से
राहुल गांधी इससे पहले की भारत जोड़ों यात्रा निकालकर जनता के बीच पहुंचे थे लेकिन वोट में ये उतनी नहीं बदल पाई जितनी उम्मीद की जा रही थी। कांग्रेस के हाथ से राजस्थान और छत्तीसगढ़ निकल गया है और अब राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होगी और 20 मार्च को महाराष्ट्र के मुंबई पहुंचकर खत्म होगी। इसको लेकर कांग्रेस ने खास रणनीति बनायी है। राहुल गांधी 67 दिन की इस यात्रा के दौरान 6200 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।
14 राज्यों की 355 लोकसभा सीटों पर नजर
कांग्रेस इस यात्रा के सहारे 14 राज्यों की 355 लोकसभा सीटों को अपने पक्ष करने के लिए पूरा जोर लगा देगी। मणिपुर टू मुंबई यह भारत न्याय यात्रा नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात भी जाएगी। अब ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या राहुल गांधी की यात्रा लोकसभा चुनाव में उनको सफल बनायेगी। भारत न्याय यात्रा का जो रूट कांग्रेस ने तैयार किया है, इसमें शामिल राज्यों में फिलहाल कांग्रेस की स्थिति बहुत खराब है। इन 14 राज्यों में लोकसभा की कुल 355 सीटें हैं. मणिपुर में 2, नगालैंड में 1, असम में 14, मेघालय में 2, पश्चिम बंगाल में 42, बिहार में 40, झारखंड में 14, ओडिशा में 21, छत्तीसगढ़ में 11, उत्तर प्रदेश में 80, मध्य प्रदेश में 29, राजस्थान में 25, गुजरात में 26 और महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं।
मंडल बनाम कमंडल की लड़ाई
कांग्रेस हिन्दी बेल्ट में काफी संघर्ष करना पड़ सकता है क्योंकि यूपी और बिहार में इस वक्त मंडल बनाम कमंडल की राजनीति का पूरा फोकस है। बीजेपी राम मंदिर की लहर के सहारे सत्ता में वापसी का दम भर रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के लिए ये एक बड़ी चुनौती है वो कैसे राम मंदिर की लहर को काटते हुए अपना वोट बैंक मजबूत करें। भारत न्याय यात्रा के सहारे कांग्रेस जातीय, खासकर ओबीसी पॉलिटिक्स पर पूरा फोकस कर रही है। जातीय जनगणना की मांग संसद से लेकर राज्यों के चुनाव तक, हर संभावित मंच पर कांग्रेस उठाती रही है। ऐसे में देखना होगा राहुल गांधी कैसे यूपी और बिहार में अपने आपको लोकसभा चुनाव के लिए तैयार कर पाते हैं।