Saturday - 26 October 2024 - 10:40 AM

राम रहीम को सातवीं बार मिली पैरोल, अन्य कैदियों के लिए इतनी मुस्तैदी क्यों नहीं

जुबिली न्यूज डेस्क

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम  को एक बार फिर 30 दिन की पैरोल मिल गई है. जेल प्रशासन ने राम रहीम को सिरसा डेरा में जाने की इजाजत नहीं दी. राम रहीम सातवी बार जेल से बाहर आया है.

बलात्कार और हत्या के जुर्म में 20 साल जेल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर पैरोल पर रिहा कर दिया गया है. रहीम को 20 जुलाई को हरियाणा के रोहतक जिले में स्थित सुनारिया जेल से 30 दिनों की पैरोल पर छोड़ दिया गया.

यह 2023 में उसकी दूसरी पैरोल और पिछले दो सालों में चौथी पैरोल है. 2017 में दोषी पाए जाने के बाद उसे कुल मिलाकर सात बार पैरोल पर छोड़ा जा चुका है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इससे पहले उसे जनवरी 2023 में 40 दिनों की पैरोल, अक्टूबर 2022 में भी 40 दिनों की पैरोल और जून 2022 में 30 दिनों की पैरोल पर रिहा किया गया था.

बार बार जेल से छोड़ा गया

इसके अलावा फरवरी 2022 में उसे पैरोल की जगह फर्लो के नियम के तहत तीन हफ्तों के लिए जेल से छोड़ दिया गया था. अक्टूबर 2020 और मई 2021 में उसे एक एक दिन की पैरोल पर भी छोड़ा गया था.

रहीम को अगस्त 2017 में उसके डेरा की ही दो महिला अनुयायियों का बलात्कार करने का दोषी पाया गया था और 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. उसके बाद अक्टूबर 2021 में उसे डेरा के ही एक पूर्व कर्मचारी की हत्या में शामिल होने का भी दोषी पाया गया था और आजीवन कारावास की सजा दी गई थी.

पैरोल और फर्लो जैसे नियमों के तहत कैदों को सीमित अवधि के लिए कुछ शर्तों के साथ जेल से रिहा करने का अधिकार राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है. राम रहीम के मामले में हरियाणा सरकार ने कहा है कि पैरोल कैदी का अधिकार होता है. भारत में पैरोल नियमों के तहत कैदियों को समय समय पर रिहा किया जाता है.

सालों से जेल में बंद

लेकिन जहां पैरोल पाने वाले कैदियों की संख्या 28,763 है, वहीं देश की सैकड़ों जेलों में चार लाख से भी ज्यादा ऐसे कैदी बंद हैं जिन पर लगाए गए आरोप अभी तक साबित नहीं हुए हैं और उनके मामलों पर अभी तक सुनवाई चल रही है.

4 लाख से ज्यादा विचाराधीन कैदी

2021 में विचाराधीन कैदियों की कुल संख्या 4,27,165 थी. 2020 के मुकाबले ऐसे कैदियों की संख्या करीब 14 प्रतिशत बढ़ गई थी. इनमें से करीब तीन लाख कैदी एक साल तक की अवधि जेल में काट चुके हैं.करीब 56,000 कैदी एक से ले कर दो साल से, करीब 32,000 दो से तीन साल और करीब 24,000 तीन से ले कर पांच साल से जेल में बंद हैं.

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सवाल ये उठ रहा है कि 4 लाख से भी ज्यादा जो कैदी जेल में बंद है, जो सजा काट रहे है और उनके केस की सुनवाई तक पूरी नहीं हुई है ऐसे में राम रहीम जैसे लोगों को को 7 बार पैरोल कैसे मिल सकता है। सवाल उठ रहे हैं कि जेलों में बंद चार लाख से भी ज्यादा विचाराधीन कैदियों के मामलों में भी इतनी मुस्तैदी क्यों नहीं दिखाई जाती है.

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