जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के निर्माण के बाद से यहाँ हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुँचते हैं। हाल ही में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या पहुँचे थे, जिसका असर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आय पर भी पड़ा है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने श्रद्धालुओं की संख्या और ट्रस्ट की आय से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में दस गुना वृद्धि हुई है, जिससे यह स्थान एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन गया है। ट्रस्ट ने पिछले पांच वर्षों में सरकार को 400 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया है, और इस आंकड़े से राम मंदिर की कमाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह राशि 5 फरवरी 2020 से लेकर 5 फरवरी 2025 तक के टैक्स के रूप में चुकाई गई।
इस 400 करोड़ रुपये में से 270 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में और बाकी 130 करोड़ रुपये अन्य टैक्सों के रूप में अदा किए गए हैं। चंपत राय ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि के कारण राम मंदिर ट्रस्ट की कमाई भी बढ़ी है। महाकुंभ के दौरान 1.26 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आए थे, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हुए। 2024 में राम मंदिर के दर्शन करने के लिए 5 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे थे, और 16 करोड़ पर्यटक अयोध्या का दौरा किया।
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राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के बारे में चंपत राय ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद 2 जनवरी 2024 को श्रीराम के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। मंदिर का भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को हुआ था, और इसकी देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जाती है। साथ ही, ट्रस्ट के वित्तीय रिकॉर्ड का नियमित रूप से नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के अधिकारियों द्वारा ऑडिट भी किया जाता है।