जुबिली न्यूज डेस्क
राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। कुछ घंटों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे। इस कार्यक्रम से पहले अयोध्या नगरी को दुलहन की तरह सजाया गया है।
भूमि पूजन कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सीएम योगी आदित्यान और संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए करीब-करीब 175 लोगों को आमंत्रित किया गया है। हालांकि इस दौरान राम मंदिर आंदोलन को धार देने वाले कई बड़े चेहरे दिखाई नहीं देंगे।
राम मंदिर आंदोलन का ‘चीफ आर्किटेक्ट’ माने जाने वाले वीएचपी के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल, महंत रामचंद्र परमहंस से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे और गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ जैसे दिग्गज अब इस दुनिया में नहीं है।
वहीं, अयोध्या से कोसों दूर बाबरी विध्वंस केस में अपनी बेगुनाही के सबूत जुटा रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, विनय कटियार और उमा भारती के इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। मंदिर के आंदोलन की नींव रहे ये बीजेपी नेता भूमि पूजन कार्यक्रम में मौजूद नहीं होंगे।
1990 में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए रथ यात्रा निकालने वाले लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने इस आंदोलन को आगे बढ़ाया और उसे धार दी। लेकिन भूमि पूजन के लिए वे अयोध्या नहीं जाएंगे। दोनों नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समारोह में शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, आडवाणी-जोशी जैसे 10 बुजुर्ग नेता और संत हैं, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भूमि पूजन व शिलान्यास समारोह में शामिल होंगे।
इसके अलावा उमा भारती ने भूमि पूजन को लेकर ट्वीट कर कहा, ‘मैंने रामजन्मभूमि न्यास के अधिकारियों को सूचना दी है कि शिलान्यास के कार्यक्रम के मुहूर्त पर मैं अयोध्या में सरयू के किनारे पर रहूंगी।’ अयोध्या पहुंचने तक मेरी किसी संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है। ऐसी स्थिति में जहां पीएम नरेंद्र मोदी और सैकड़ों लोग उपस्थित हों, मैं उस स्थान से दूर रहूंगी। पीएम मोदी और सभी समूह के चले जाने के बाद ही मैं रामलला के दर्शन करने जाऊंगी।’
अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर सुब्रह्मण्यम स्वामी सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर सुनवाई से जुड़े थे। लेकिन कार्यक्रम का न्यौता उन्हें अभी तक नहीं दिया गया। हालांकि योग गुरु बाबा राम देव इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
बीजेपी नेताओं के अलावा बाबरी विध्वंस के मुकदमे में मुख्य आरोपी के तौर पर पहला नाम त्तत्कालीन यूपी शिवसेना अध्यक्ष पवन पांडे भी इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है। वे इस में अब तक 16 बार जेल जा चुके हैं। बाबरी मसजिद विध्वंस के अन्य प्रमुख आरोपियों- संतोष दुबे और गांधी यादव को भी पूछा तक नहीं गया है। पांडे के साथ ये सब भी ढांचा गिराने के आरोपी हैं और मुक़दमे का सामना कर रहे हैं।
सूबे के पूर्व डीजीपी कर्मवीर सिंह जिनकी देखरेख में अदालत के आदेश पर रामजन्मभूमि मंदिर का ताला खुला था और एडीएम रामलला के नाम से मशहूर हुए यूसी तिवारी जिन्होंने वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से मंदिर से जुड़े तथ्य रखे उनको भूमि पूजन के कार्यक्रम को देखने का अवसर मिलेगा या नहीं..ये अभी बड़ा सवाल बना हुआ है।
बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस और सुरक्षा कारणों से कई नेताओं को इस भव्य कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है। हालांकि राम मंदिर आंदोलन के की नींव रहे बीजेपी नेताओं और बाबरी विध्वंस केस में आरोपी कई चेहरों के कार्यक्रम में शामिल न किए जान पर सवाल भी खड़े किये जा रहे हैं।