जुबिली न्यूज़ डेस्क
कोरोना काल के दौरान 3 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। इस बार रक्षाबंधन पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है। वैसे तो रक्षाबंधन का त्योहार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। और इस बार पूर्णिमा सावन के आखिरी सोमवार यानी 3 अगस्त को पड़ रही है।
इस बार रक्षाबंधन का त्योहार बेहद खास रहने वाला है। रक्षा बंधन के अलावा इस दिन सावन पूर्णिमा, अन्न वाधन, वेद माता गायत्री जयंती, यजुर्वेद उपाकर्म, नारली पूर्णिमा, हयग्रीव जयंती, संस्कृत दिवस और सावन का पांचवां व अंतिम सोमवार भी पड़ रहा है। इसलिए आइये जानते हैं कि राखी बांधने का सबसे शुभ समय क्या है और किस समय राखी बांधने से बचे।
सबसे शुभ संयोग इस समय
ज्योतिर्विद वीरेंद्र तिवारी के अनुसार, रक्षाबंधन पर इस बार आयुष्मान संयोग बन रहा है, जो भाई-बहन को लंबी उम्र के साथ साथ भाई-बहन का भाग्योदय भी करेगा। सुबह 7 बजकर 19 मिनट से चंद्रमा का नक्षत्र श्रवण हो जाएगा। इसी वजह से इसी श्रावणी भी कहा गया है। सुबह 7.19 से लेकर अगले दिन 5.44 मिनट तक सर्वात्र सिद्धिकी योग भी है।
ऐसे में रक्षाबंधन के लिए ऐसा शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 11 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।यही नहीं शाम के वक्त जो राखी बांधना चाहते हैं, उनके लिए सर्वश्रेष्ठ समय शाम 3 बजकर 50 मिनट से शाम 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
इस समय राखी बांधने से करें परहेज
शुभ मुहूर्त के साथ ही इस बीच 4 अशुभ पहर भी रहेंगे जब आपको राखी बांधने से बचना होगा। सुबह 5 बजकर 44 मिनट से सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक भद्रा रहेगी, जिसमें राखी बांधना निषिद्ध माना जाता है। बताया जाता है कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में राखी बांध दी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया।
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इसके बाद, सुबह 7 बजकर 25 मिनट से सुबह 9 बजकर 05 मिनट के बीच दूसरी अशुभ घड़ी होगी, जिस दौरान राखी ना बांधें। इस दौरान राहु काल रहेगा।
जबकि तीसरी अशुभ घड़ी 11 बजकर 28 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 07 मिनट तक रहेगी। इसके बाद दोपहर को 02 बजकर 08 मिनट से लेकर 03 बजकर 50 मिनट तक गुलिक काल रहेगा, जिसमें राखी नहीं बांधनी चाहिए। इस काल में राखी बांधना बेहद अशुभ होता है।