जुबिली स्पेशल डेस्क
पूरे देश में रविवार को रक्षा बंधन का पर्व मनाया जा रहा है। हालांकि भाई की कलाई पर किस वक्त राखी बांधें यह जानना भी बेहद जरूरी है। दरअसल इस बार बृहस्पति और चंद्रमा की युति से गज केसरी योग बन रहा है जबकि शोभन याग, सर्वार्थसिद्धि योग और धनिष्ठा नक्षत्र की वजह से राखी का त्योहार शुभ बनता नजर आ रहा है।
सबसे अच्छी बात यह है कि भद्रा का साया ना होने की वजह से आज पूरे दिन बहनें भाई को राखी बांध सकेंगी लेकिन ज्योतिषविद इस बीच एक विशेष समय में राखी ना बांधने की बात कह रहे हैं।
ज्योतिषियों की माने तो आज सुबह 5 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 03 मिनट तक किसी भी समय राखी बांधी जा सकेगी लेकिन रक्षा बंधन पर भद्रा के साए में राखी नहीं बांधी जाती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। हालांकि एक विशेष समय में राखी बांधने से बचना जरूर होगा।
शोभन योग : ऐसे में सवाल है कि शोभन योग कब बन रहा है। ज्योतिषियों की माने तो शोभन योग रक्षा बंधन के दिन सुबह 10 बजकर 34 मिनट बना रहेगा। मांगलिक और शुभ कार्यों को कराने के लिए शोभन योग को अच्छा माना जाता है।
धनिष्ठा नक्षत्र- धनिष्ठा नक्षत्र की बात की जाये तो यह शाम 7 बजकर 40 मिनट तक है। मंगल ग्रह को धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी कहा जाता है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोग अपने भाई-बहन से बहुत प्यार रहता है। कहा जाता है कि इस वजह से इस अवसर पर भाई को राखी बांधने से दोनों के बीच अटूट प्रेम और रिश्ता और मजबूत होता है।
राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त
- इसके अलावा सुबह 9 बजकर 34 मिनट से 11 बजकर 07 मिनट तक अमृत मुहूर्त रहेगा
- दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगी
- 4 बजकर 33 मिनट से 5 बजकर 21 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा
राहु काल को लेकर कहा जा रहा है कि इस काल में भुलकर भी राखी ना बांधें। ज्योतिषियों के अनुसार आज शाम 5 बजकर 14 मिनट से लेकर 6 बजकर 49 मिनट तक राहु काल रहेगा। ऐसे में इस दौरान राखी बांधना नहीं चाहिए। हालांकि राहु काल से पहले या बाद में ही भाई की कलाई पर राखी बांध सकते हैं।
हिन्दू धर्म में कहा जाता है कि भद्रा के साय में भी भाई को राखी बांधने से बचना चाहिए। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि लंकापति रावण से जुड़ी है। बताया जाता है कि रावन भद्राकाल में ही अपनी बहन से राखी बंधवाई थी। एक साल बाद रावन का विनाश हो गया था।
रक्षासूत्र कैसा होगा इसको लेकर कहा गया है कि तीन धागों का होना चाहिए। लाल पीला और सफेद होना चाहिए। लाल और पीला धागा बेहद जरूरी होता है। चंदन लगा हो यह भी शुभ माना जाता है। अगर आपके पास इस तरह का कुछ भी नहीं है तो कलावा भी श्रद्धा पूर्वक बांधा जा सकता है।
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