जुबिली स्पेशल डेस्क
तीन कृषि कानून के खिलाफ किसान पिछले ढ़ाई महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच 11 दौर की दौर बातचीत हुई, जो कि बेनतीजा रही है। या यूं कहें कि मोदी सरकार और किसानों के शह और मात का खेल चलता रहा।
केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर किसान आंदोनल को खत्म कराना चाह रही थी और किसान कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर अड़ी थी।
सरकार और किसान के बीच चल रहे शह और मात के खेल के बीच 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन देश के इतिहास में काला दिन साबित हुआ।
गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। #FarmersProstest pic.twitter.com/Ra3rhGY4Ja
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 29, 2021
सोशल मीडिया में किसानों के खिलाफ मुहिम चलायी जाने लगी है। ऐसे लगने ये आंदोलन समाप्त हो जाएगा। इस दौरान कई किसान संगठन आंदोलन से हटते नजर आये।
ये @RakeshTikaitBKU के आँसू नहीं है,ये पूरी किसान कौम का रुदन है l
यदि विपक्ष में दम होता,तो आज किसान कौम को गद्दार कहने की हिम्मत न होती,किसान की ऐसी लाचारी सामने न आती l
साज़िश के तहत अन्नदाता के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने पर तुली है,सरकार l
ये तानाशाही नहीं तो और क्या है? pic.twitter.com/VeAO64pVfM
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) January 28, 2021
तब लगने लगा कि इस आंदोलन की उलटी गिनती शुरू हो गई और तय लगने ये आंदोलन गुरुवार की शाम तक खत्म हो जाएगा। सरकार भी इसे खत्म करने के लिए अपने कदम बढ़ाने लगी थी।
इसके लिए जिला प्रशासन ने किसानों को सीमा क्षेत्र खाली करने के लिए नोटिस भी चस्पा कर दी थी। इसके बाद वहां पर पुलिस पहुंच गई जहां पर राकेश टिकैत मौजूद थे लेकिन गुरुवार की शाम को राकेश टिकैत के आंसू ने सरकार पूरा खेल बिगाड़ दिया।
इसके साथ जो बाजी सरकार के पक्ष में नजर आ रही थी वो एकाएक राकेश टिकैत के आंसू की वजह से पलट गई। आलम तो यह रहा कि राकेश टिकैत का रोता हुआ चेहरा पूरे देश ने टीवी पर देखा। दूसरी ओर उनके भाई नरेश टिकैत जो कि यूपी के मुजफ्फरनगर में थे।
#WATCH| BKU leader Rakesh Tikait breaks down while speaking to media; said, "We will not go anywhere till action is taken against those who lathi-charged farmers."(28.01) pic.twitter.com/welii1I5QY
— ANI (@ANI) January 28, 2021
उन्होंने अपने भाई के आंसू को समझा और देर किये बगैर महापंचायत बुला डाली। इतना ही नहीं नरेश टिकैत ने अपने भाई राकेश टिकैत का रोता हुआ वीडियो पूरे देश भर में शेयर कर डाला।
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इसका नतीजा यह रहा कि यूपी सरकार से लेकर केंद्र सरकार के हाथ पांव फूंल गए। इसके बाद से कई किसान दोबारा आंदोलन में शामिल होने की तैयारी में है।
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बताया जा रहा था कि गाजीपुर बॉडर पर भारी पुलिस तैनात थी लेकिन एक्शन लेने से रह गई। दरअसल यूपी में पंचायत चुनाव होना है और उसके बाद अगले साल यहां पर विधान सभा चुनाव भी होना है। ऐसे में सरकार भी फंूक-फंूक कर कदम रख रही है।