जुबिली न्यूज डेस्क
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेताया है कि बिना समाधान और बातचीत के किसान वापस नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे लिए दिल्ली दूर नहीं है. हमारी 16 तारीख की कॉल है सरकार को 16 फरवरी तक का समय है की समाधान निकाल ले.
उन्होंने दावा किया कि कोई किसान पत्थर नहीं मरता है पत्थर मारने वाले भी सरकार के ही आदमी है. किसान संयुक्त मोर्चा अभी इसका हिस्सा नहीं है लेकिन हम उनके साथ है अगर वह चाहेंगे तो हम उनको समर्थन देंगे. यह आंदोलन किसानों का है. संयुक्त मोर्चा जो निर्णय लेगा हम उसी हिसाब से फैसला लेंगे.
पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर डटे किसान
बता दें सैकड़ों किसान बुधवार सुबह एक बार फिर अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू करने के लिए पंजाब-हरियाणा की दो सीमाओं पर डटे रहे. वहीं, अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत हरियाणा की सीमा पर अवरोधक हटाने का नए सिरे से प्रयास किया. किसान नेता शंभू बॉर्डर पर बहुस्तरीय अवरोधक हटाकर ‘दिल्ली कूच’ की अपनी योजना पर आगे बढ़ने से पहले बैठक करेंगे.
पुलिस ने हरियाणा के जींद जिले में दाता सिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की. पुलिस के मुताबिक, इस झड़प में नौ पुलिसकर्मियों को चोटें आईं.
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‘दिल्ली चलो’ मार्च में भाग लेने के लिए पंजाब के कई स्थानों से किसानों का आना जारी है. पंजाब की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी देखी जा सकती हैं. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि जब कुछ किसान शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड के पास एकत्र हुए तो हरियाणा पुलिस ने बुधवार सुबह आंसू गैस के कई गोले दागे.
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने के लिए दृढ़ हैं. कई युवा किसानों ने शंभू बॉर्डर पर बहुस्तरीय अवरोधक हटाने के लिए अपने ट्रैक्टर तैयार रखे हैं.