न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया। यूपी में 10 लोगों की हत्या के मामले पर सपा सांसदों ने हंगामा किया और वेल में आकर नारेबाजी की। इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा।
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि यूपी में जंगलराज चल रहा है, कल 10 दलितों को मार दिया गया। इस पर सदन में हंगामा होने लगा और सरकार की ओर से प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राज्यों का मुद्दा सदन में नहीं उठाया जा सकता।
इसके अलावा यूपी विधानसभा में भी सपा विधायकों ने प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन किया। विधानसभा परिसर में सभी सपा विधायकों ने पोस्टर बैनर लेकर राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में बुधवार को 200 बीघा जमीन विवाद के बाद ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के बीच हुई लड़ाई में एक ही पक्ष के 10 लोगों हत्या कर दी गई थी। इस नरसंहार में ग्राम प्रधान सहित 11 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में ग्राम प्रधान के भतीजे समेत 24 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालांकि, मुख्य आरोपी प्रधान अभी फरार है। इस जमीन पर कब्जे को लेकर गुर्जर (भूर्तिया) और गोड़ बिरादरी के लोगों के बीच विवाद चल रहा था।
खबरों की माने तो 16 जुलाई को जमीन पर कब्जा करने के लिए 32 ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर प्रधान समेत 300 लोग पहुंचे थे। इस दौरान गांव के पक्ष भी वहां पहुंच गए। इसके बाद बात बेखौफ दबंगों ने जमीन की खातिर दिनदहाड़े ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर 10 लोगों की हत्या कर दी।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में दो साल पहले ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी से 90 बीघा जमीन खरीदी थी। यज्ञदत्त ने इस जमीन पर कब्जे के लिये बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर ट्रैक्टरों से जमीन जोतने की कोशिश की। स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। इसके बाद ग्राम प्रधान पक्ष के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पुलिस ने जमीन के विवाद में ग्राम प्रधान पक्ष को पूर्व में भी पाबंद किया था और उसकी सम्पत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी मजिस्ट्रेट के यहां चल रही है। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद मध्य प्रदेश पुलिस को भी सतर्क कर दिया गया है। जरूरत पड़ने पर जमीन बेचने वाले आईएएस अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, आदिवासी बाहुल इस गांव में लोगों की जीविका का साधन सिर्फ खेती है। ये भूमिहीन आदिवासी सरकारी जमीन जोतकर अपना गुजर-बसर करते आए हैं, जिस जमीन के लिए यह संघर्ष हुआ उस पर इन आदिवासियों का 1947 के पहले से कब्ज़ा है। 1955 में बिहार के आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा और तत्कालीन ग्राम प्रधान ने तहसीलदार के माध्यम से जमीन को अद्रश कोआपरेटिव सोसाइटी के नाम करा लिया। चूंकि उस वक्त तहसीलदार के पास नामांतरण का अधिकार नहीं था, लिहाजा नाम नहीं चढ़ सका।
इसके बाद आईएएस ने 6 सितंबर, 1989 को अपनी पत्नी और बेटी के नाम जमीन करवा लिया। जबकि कानून यह है कि सोसाइटी की जमीन किसी व्यक्ति के नाम नहीं हो सकती। इसके बाद आईएएस ने जमीन का कुछ हिस्सा बेच दिया। इस विवादित जमीन को आरोपी यज्ञदत्त ने अपने रिश्तदारों के नाम करवा दिया। बावजूद इसके उस पर कब्ज़ा नहीं मिल सका। इसके बाद बुधवार को करीब 300 की संख्या में हमलावारों के साथ आए ग्राम प्रधान ने यहां खून की होली खेली।
रोंगटे खड़े कर देने वाली यह वारदात हाल के वर्षों में प्रदेश में हुई सबसे ज्यादा रक्तपात वाली घटना है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए मिर्जापुर के मण्डलायुक्त और वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को घटना के कारणों की संयुक्त रूप से जांच करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही लापरवाही सामने आने पर जिम्मेदारी तय करते हुए 24 घण्टे में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिये हैं।
साथ ही योगी ने इस घटना में मारे गये लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता का एलान किया है। उन्होंने जिलाधिकारी सोनभद्र को निर्देश दिए हैं कि वह बताएं कि ग्रामवासियों को पट्टे आखिर क्यों मुहैया नहीं कराए गए थे।
इस बीच, यूपी के सम्भल जिले की चंदौसी अदालत में आज पेशी से मुरादाबाद ले जाये जा रहे कैदियों की वैन में तीन कैदियों ने ही वैन के दो सिपाहियों की उन्ही की रायफल छीनकर गोली मारकर हत्या कर दी और रायफल लेकर भाग गए। घटना से पूरे मुरादाबाद जोन में सनसनी फ़ैल गयी। संभल के पुलिस अधीक्षक के साथ ही आईजी मुरादाबाद रमित शर्मा और एडीजी बरेली जोन भी मौके पर पहुंच गए हैं।
कैदियों के हाथों मारे गए दोनों सिपाहियों के नाम हरेंद्र एवं ब्रजपाल हैं, जो सम्भल पुलिस लाइन में तैनात थे। उनकी ड्यूटी मुरादाबाद जेल से बन्दियों को ले जाने वाली वैन में लगाई गई थी। मुरादाबाद से आगे सम्भल जिले के बनियाठेर थानाक्षेत्र के देवाखेड़ा गांव के पास चलती वैन में बन्दियों ने सिपाहियों पर हमला बोल दिया। उन्होने दोनों सिपाहियों की रायफल छीन ली और उसी से उन्हे गोली मार दी।
उन्होने सात से आठ राउंड गोली चलाई, जिससे दोनों सिपाहियों की मौके पर ही मौत हो गई। गोली मारने के बाद वैन का दरवाजा खोल कैदी फरार हो गए। वैन में मौजूद कांस्टेबिल खूब सिंह ने मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों को फिलहाल यही जानकारी बताई है, वैन में 24 बंदी थे। वैन में मारे गए दो पुलिसकर्मियों के अलावा चार अन्य पुलिस कर्मी भी सवार थे। बदमाशों की तलाश में पूरे जोन में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि मुरादाबाद की जेल से पेशी पर सम्भल जिले की चंदौसी स्थित अदालत लाये गये कुल 24 मुल्जिमों को वापस मुरादाबाद जेल ले जाया जा रहा था। रास्ते में शाम करीब पांच बजकर 20 मिनट पर बनियाठेर थाना क्षेत्र के धन्नूमल तिराहे के पास अज्ञात बदमाशों ने घात लगाकर इस वारदात को अंजाम दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने इस वारदात में शहीद हुए दोनों पुलिसकर्मियों के परिजन को 50-50 लाख रुपये की सहायता और प्रत्येक शहीद पुलिसकर्मी की पत्नी को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी दिए जाने के भी आदेश दिए हैं।