न्यूज डेस्क
लोकसभा से पास होने के बाद तीन तलाक बिल मंगलवार को राज्यसभा में पेश होगा। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे लेकर अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। ऐसे में एक बार फिर अब विपक्षी ताकत की परीक्षा है, क्योंकि एनडीए को राज्यसभा में बहुमत नहीं है और यहां विपक्ष मजबूत है।
हालांकि, जिस तरह RTI बिल और UAPA बिल के दौरान हुआ और विपक्षी एकता में सेंध लग गई तो मोदी सरकार के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी। लेकिन पिछले कुछ दिनों में विपक्ष जिस तरह लगातार वॉकआउट करता आ रहा है, ऐसे में इस बार भी सदन में बिल को पास कराना सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 245 है, लेकिन अभी 4 सीटें खाली हैं। ऐसे में बहुमत हासिल करने के लिए 121 की संख्या की जरूरत है। वहीं अगर नंबर की बात करें तो एनडीए के पास अपने दम पर कुल 104 का आंकड़ा है। (भाजपा 78, जेडीयू 6, शिवसेना 3, अकाली दल 3, मनोनीत-निर्दलीय 12) इनमें से जेडीयू ने तीन तलाक बिल का विरोध करने की बात कही है।
वहीं, विपक्ष के पास भी 109 की संख्या है। हालांकि, माना जा रहा है कि YSR कांग्रेस, जेडीयू, टीआरएस और एआईएडीएमके सदन में मतदान के दौरान अनुपस्थित रह सकते हैं। ऐसे में इनके मौजूद ना होने से भी फर्क पड़ेगा।
इस बीच विपक्ष को उम्मीद है कि वह इस बिल को रोक लेगी तो वहीं बीजेपी को भी अपने कुछ दोस्तों पर भरोसा है। क्योंकि RTI बिल और UAPA बिल के दौरान जिस तरह बीजद, TRS और वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार का समर्थन किया था, उससे राज्यसभा का पूरा गेम ही पलट गया था। राज्यसभा में BJD के पास 7, YSR के पास 2 और TRS के पास 6 सांसद हैं। यानी जो NDA 104 पर अटका है अगर उसके साथ ये 15 भी आज जाते हैं तो उसे बहुमत के करीब पहुंचने में कुछ आसानी होगी।