न्यूज डेस्क
राज्यसभा के लिए 37 नेता निर्विरोध चुन लिए गए हैं जिनमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह और शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी शामिल हैं। अब बाकी 18 सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना है और यह मुकाबला रोचक हो गया है।
जिन 18 सीटों लिए मुकाबला होना है उनमें गुजरात और आंध्र प्रदेश में चार-चार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तीन-तीन, झारखंड में दो और मणिपुर और मेघालय में एक-एक सीट शामिल है। इन सभी सीटों पर रोचक मुकाबला होना तय है।
राज्यसभा चुनाव के नामांकन पत्र वापस लेने का अंतिम दिन 18 मार्च था। 17 राज्यों की 55 राज्यसभा सीटों में से 10 राज्यों की 37 सीटों पर कुल 37 ही उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। कोई मुकाबला न होने की वजह से सभी प्रत्याशियों को निर्विरोध निर्वाचित कर लिया गया है।
जो प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं उनमें महाराष्ट्र से 7, तमिलनाडु से 6, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से 2-2, ओडिशा से चार, बिहार और बंगाल से पांच-पांच, असम से 3 और एक प्रत्याशी हिमाचल प्रदेश से है।
निर्विरोध निर्वाचित होने वालों में भाजपा के खाते में सात सीटें आई हैं तो वहीं उसकी सहयोगी दल जेडीयू को दो सीटें बिहार कोटे से मिली हैं।
एआईएडीएम को तमिलनाडु कोटे से एक और असम की बीपीएफ को एक सीट मिली है। इसके अलावा बीजेडी को ओडिशा से चार और टीएमसी को बंगाल में चार सीटें मिली हैं तो तेलंगाना में टीआरएस को दो राज्यसभा सीटों पर जीत मिली है।
37 राज्यसभा सीटों में से कांग्रेस को चार सीटें मिली हैं और उसके सहयोगी आरजेडी को बिहार कोटे से दो सीटें मिली हैं। इसके अलावा डीएमके को तीन, एनसीपी को दो, शिवसेना को एक सीट मिली है। सीपीआईएम को एक और असम में कांग्रेस-एआइयूडीएफ के समर्थन से एक निर्दलीय प्रत्याशी को निर्विरोध जीत मिली है।
बिहार में सभी प्रत्याशी चुने गए निर्विरोध
बिहार की पांच राज्यसभा सीटों के लिए सिर्फ पांच प्रत्याशियों ने नामाकंन किया था। ये सभी निर्विरोध चुन लिए गए। जो लोग निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं उनमें जेडीयू से राज्यभा के उप सभापति हरिवंश और पूर्व मंत्री रामनाथ ठाकुर, आरजेडी से प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह तो बीजेपी से विवेक ठाकुर शामिल हैं।
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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के खाते में गई दो सीटें
छत्तीसगढ़ की दो राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस की फूलोदेवी नेताम और केटीएस तुलसी को निर्विरोध निर्वाचित किया गया है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ किसी भी अन्य पार्टी ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, जिसके चलते कांग्रेस के दोनों नेता निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। छत्तीसगढ़ में अभी तक कांग्रेस और बीजेपी के पास एक-एक सीट थी, लेकिन इस बार दोनों सीटें कांग्रेस को मिली हैं।
बंगाल में टीएमसी को चार सीटें मिली
पश्चिम बंगाल की पांच राज्यसभा सीटों के लिए पांच प्रत्याशियों ने ही नामांकन कराया था। इसलिए सभी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। इन पांच सीटों में से टीएमसी को चार सीटें मिली हैं तो कांग्रेस समर्थित माकपा के एक उम्मीदवार को जीत मिली हैं। टीएमसी कोटे से दिनेश त्रिवेदी, अर्पिता घोष, सुब्रत बख्शी और मौसम बेनजीर नूर को राज्यसभा सदस्य चुना गया है तो वहीं, कांग्रेस समर्थित सीपीआईएम उम्मीदवार विकास रंजन भट्टाचार्य भी निर्विरोध चुने गए। हालांकि पहले कांग्रेस के समर्थन से सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी राज्यसभा जाना चाहते थे, लेकिन पार्टी की शीर्ष ईकाई ने तीसरी बार राज्यसभा के लिए उनके नाम पर सहमति नहीं दी।
ओडिशा में चारों सीटों पर बीजेडी का कब्जा
ओडिशा में चार राज्यसभा सीटों पर बीजेडी ने कब्जा जमाया है। सुभाष सिंह, मुन्ना खान, सुजीत कुमार और ममता महंत शामिल हैं। ओडिशा में राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी की ओर से कोई भी प्रत्याशी खड़ा नहीं हुआ था, जिसके चलते बीजेडी के खाते में सभी सीटें गई हैं। इससे पहले भी इन चार सीटों पर बीजेडी का कब्जा था, जिसे बरकरार रखा है।
हरियाणा में भी तीनों सीट पर निर्विरोध चुने गए
हरियाणा की तीन राज्यसभा सीटों पर तीन ही प्रत्याशी के मैदान में उतरने से सभी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। हालांकि हरियाणा की इन सीटों में से दो सीटों पर पूर्णकालिक चुनाव हुए थे, जिसके लिए बीजेपी के रामचंद्र जांगड़ा और कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा चुने गए हैं। इसके अलावा चौधरी बिरेंद्र सिंह के इस्तीफे के चलते रिक्त हुई सीट पर भी उपचुनाव हुआ, जिसके लिए बीजेपी के दुष्यंत कुमार गौतम भी निर्विरोध चुना गया है। इन तीनों नेताओं को बुधवार को प्रमाणपत्र भी सौंप दिया गया।
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