न्यूज़ डेस्क
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बेंगलुरु में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस में उड़ान भर इतिहास रचा दिया। पहली बार देश के रक्षा मंत्री ने स्वदेशी लड़ाकू विमान ‘तेजस’ में उड़ान भरी। राजनाथ सिंह करीब आधे घंटे तक तेजस विमान में ही रहे।
तीन साल पहले ही तेजस को वायु सेना में शामिल किया गया था। अब तेजस का अपग्रेड वर्जन भी आने वाला है। राजनाथ ने तेजस में सुबह 10 बजे उड़ान भरी और उन्होंने वापस 10.30 बजे लैंड किया।
Defence Minister @rajnathsingh: Flying on #Tejas an amazing and exhilarating experience pic.twitter.com/F9QBJXR753
— Doordarshan News (@DDNewsLive) September 19, 2019
सफल उड़ान के बाद रक्षा मंत्री ने मीडिया से बात की और कहा कि तेजस स्वदेसी विमान है, इसमें उड़ान भरना उनके लिए गर्व की बात है। मीडिया से बात करते हुए राजनाथ सिंह ने ये भी बताया कि आखिर उन्होंने उड़ान भरने के लिए तेजस को ही क्यों चुना।
राजनाथ सिंह ने बताया कि मैंने तेजस को इसलिए चुना, क्योंकि ये देसी विमान है। मैं चाहता था कि देसी विमान में उड़ान भरूं। भारत की जनता को अपनी वायुसेना, थल सेना और नेवी पर गर्व है और पूरा विश्वास भी है।
राजनाथ सिंह ने मीडिया से कहा, ‘आज तेजस में बैठने का अवसर मिला, मैं जब उड़ान भर रहा था तो पायलट से बात कर रहा था और विमान के बारे में जानकारी भी ले रहा था।’
इससे पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में देश की रक्षा मंत्री रही निर्मला सीतारमण ने भी सुखोई में उडान भरी थी। वो भी ऐसा करने वाली पहली महिला रक्षा मंत्री थी।
बता दें कि दो सीट वाले लड़ाकू विमान तेजस का निर्माण भारत ने ही किया है। तेजस को HAL और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा डिजाइन और तैयार किया है। भारतीय वायुसेना में इस विमान के शामिल होने से मिग -21 बाइसन विमान को बदला जा सकता है। ऐसा एलसीए प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है जो साल 1980 में शुरू किया गया था। तेजस का इस्तेमाल नेवी और एयरफोर्स में किया जाएगा।
#WATCH Defence Minister Rajnath Singh flies in Light Combat Aircraft (LCA) Tejas, in Bengaluru. #Karnataka pic.twitter.com/LTyJvP61bH
— ANI (@ANI) September 19, 2019
दिसंबर 2017 में भारतीय वायुसेना द्वारा 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बनाने का टेंडर जारी किया था लेकिन दाम ज्यादा होने की वजह से ये प्रोजेक्ट रुक गया था।
एक न्यूज एजेंसी से मिली खबर के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की कॉस्ट कमेटी ने 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 1A के दाम का अनुमान 45 हजार करोड़ लगाया था। वायुसेना अगले कुछ हफ्तों में इसका ऑर्डर HAL को दे सकती है। इसका डिज़ाइन डीआरडीओ ने तैयार किया है। उल्लेखनीय है कि 83 तेजस विमानों में से 10 दो सीट वाले होंगे। इन विमानों का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना अपने पायलटों के प्रशिक्षण के लिए करेगी।
तेजस को 21 फरवरी, 2019 को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन द्वारा जारी किया गया था। इसका मतलब है कि तेजस मुकाबले के लिए तैयार है। यह विमान पहले से ही हवा में ईंधन भरने, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक सुइट, कई अलग-अलग प्रकार के बम, मिसाइल और हथियारों जैसी तकनीकों से लैस है।