जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. भारतीय सुहेल देव समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने के बाद बीजेपी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर किसानों के हक़ में बिल लाई होती तो उसे इस तरह से उसे वापस नहीं लेना पड़ता. उन्होंने कहा कि बिल वापस ले लेने से क्या वह किसान भी वापस लौट आयेंगे जिनकी इन कानूनों का विरोध करते हुए जान चली गई.
जालौन में पत्रकारों से मुखातिब राजभर ने कहा कि लखीमपुर काण्ड के सम्बन्ध में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज है. वह 120 बी के भी मुलजिम हैं लेकिन न तो उन्हें सरकार से बर्खास्त किया गया और न ही उनकी गिरफ्तारी ही हुई. हद तो यह है कि यह अजय मिश्रा खुलेआम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ घूमते दिखाई दे रहे हैं.
राजभर ने कहा कि केन्द्र सरकार कृषि क़ानून अडानी के गोदामों को अनाज से भरने के लिए लाई थी. उत्तर प्रदेश में भी गोदाम बनाने के लिए ज़मीन का अधिग्रहण हो गया था.
टीईटी परीक्षा निरस्त होने के मुद्दे पर सवाल आया तो राजभर ने कहा कि 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार आई थी. तब से अब तक 13 परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं. आज तक कोई भी अधिकारी और कर्मचारी इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया गया. उन्होंने कहा कि 13 परीक्षाओं के पेपर लीक कराने वालों पर योगी सरकार अपना बुल्डोज़र नहीं चला पाई. यह सरकार लगातार झूठ बोलती है. इसे झूठ बोलने की ट्रेनिंग नागपुर से मिलती है. नागपुर में झूठ बोलने वालों का सेंटर है.
राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ इसलिए गठबंधन किया है कि सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना की जायेगी. उत्तर प्रदेश को महंगाई से निजात दी जायेगी. बेरोजगारों को रोज़गार दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि सरकार में हिस्सेदारी के लिए समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना होता तो फिर बीजेपी का साथ छोड़ने की ज़रूरत ही क्या थी. वहां से तो मंत्री पद छोड़कर आये थे.
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