जुबिली न्यूज़ डेस्क
राजस्थान का सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शुरू हुआ बवाल दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। इस बीच एक सियासी घमासान में बसपा ने और हलचल मचा दी है। दरअसल बसपा ने राजस्थान में अपने सभी छह विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने व्हिप जारी कर पार्टी के सभी 6 विधायकों को निर्देश दिया है कि अगर गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है, तो वो कांग्रेस के खिलाफ अपना वोट दें।
बीएसपी महासचिव ने सभी 6 विधायकों को नोटिस जारी कर कहा कि चूंकि बीएसपी एक राष्ट्रीय पार्टी है और दसवीं अनुसूची के पैरा 2 (1)(B) के तहत किसी राज्य में पूरी पार्टी का विलय असंवैधानिक है।कांग्रेस में पार्टी का विलय नहीं हुआ है। उन्होंने सभी विधायकों को चेतावनी भी दी है और कहा है कि अगर किसी ने निर्देश की अवहेलना की, तो उस पर दल बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह सभी विधायक बसपा के टिकट पर चुनाव जीते हैं,और तब विधानसभा पहुंचे है।जो पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा जारी किए गए थे।लिहाजा इन सभी 6 विधायक को पार्टी का निर्देश मानना जरुरी है।
गौरतलब है कि सियासी संकट के बीच बसपा के सभी छह विधायकों ने कांग्रेस का दामन थामते हुए गहलोत सरकार के समर्थन का ऐलान किया है। यही नहीं, विधायकों ने ये भी दावा किया है कि उन्होंने कांग्रेस में विलय कर लिया है।
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हालांकि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने न सिर्फ सभी छह विधायकों को व्हिप जारी कर कांग्रेस के खिलाफ वोट देने का निर्देश जारी किया। साथ ही आदेश न मामने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। इसके लिए बसपा ने सभी विधायकों को नोटिस भी जारी किया हैं। अगर विधायक पार्टी के निर्देश को नहीं मानते तो पार्टी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जा सकती है।
BSP issues whip to its 6 MLAs- R Gudha, Lakhan Singh, Deep Chand, JS Awana, Sandeep Kumar & Wajib Ali, who are elected to Rajasthan Assembly, directing them to vote against Congress in any “No Confidence Motion” or any proceedings to be held during Rajasthan Assembly Session. pic.twitter.com/wvbnZWslVQ
— ANI (@ANI) July 26, 2020
बसपा के 6 विधायक में करौली से लखन सिंह मीना, नदबई से जोगिन्दर सिंह अवाना, नगर से वाजिब अली, तिजारा से संदीप कुमार, किशनगढबास से दीपचन्द खैरिया और उदयपुरवाटी से राजेन्द्र सिंह गुढा चुनाव जीतकर आए थे। बाद में ये कांग्रेस में शामिल हो गए और अभी कांग्रेस विधायकों के साथ होटल फेयरमाउंट में ही ठहरे हैं।
इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी को वोट दिया था। उस समय भी बसपा ने विलय को अवैध बताते हुए निर्वाचन आयोग को शिकायत की थी, लेकिन आयोग ने मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था। अब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दसवीं अनुसूची के पैरा 2 (1)(A) पर बहस छिड़ी है तो बसपा विधायकों को लेकर भी नया फैसला आ सकता है और गहलोत की मुश्किलें बढ सकती हैं।
राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को भी भेजा पत्र
बताया जा रहा है कि बसपा ने अपने सभी 6 विधायकों के अलावा राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भी पत्र भेजा है। इस पत्र में लिखा गया है कि 10वीं सूची के अनुसार किसी भी राष्ट्रीय पार्टी का विलय राज्य के स्तर पर नहीं किया जा सकता है क्योंकि इन सभी विधायकों ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विधानसभा चुनाव जीता था।