जुबिली न्यूज़ डेस्क
राजस्थान में सियासी घमासान शुरू हो गया है। इसी लिए कोरोना काल के समय भी सीएम अशोक गहलोत को अपने विधायकों पर निगरानी रखनी पड़ रही है। दरअसल सीएम अशोक गहलोत को विधायकों की खरीद फरोख्त का डर सता रहा है और उन्होंने आरोप लगाया है कि बीजेपी ऐसा कर सकती है। इसके लिए एसओजी ने मामले में केस दर्ज कर लिया है।
इसके बाद कांग्रेस के 12 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। डिप्टी सीएम सचिन पायलट पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। बताया ये भी जा रहा है कि सचिन पायलट 12 विधायक सीएम से खफा हैं। ये सभी आज पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल सकते हैं।सचिन पायलट एसओजी की एफआईआर में सरकार गिराने की साजिश में उन पर निशाना साधने से खफा हैं।
गहलोत सरकार के तीन विधायक सुरेश टाक, खुशवीर जोजावर और ओम प्रकाश हुडला सरकार को समर्थन दे रहे थे, लेकिन एसओजी ने इन तीनों के खिलाफ खरीद फरोख्त मामले में मामला दर्ज किया है। इस बीच कांग्रेस ने उन तीन निर्दलीय विधायकों की संबद्धता समाप्त कर दी। साथ ही तीनों पर आरोप है कि सरकार गिराने के विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश की।
इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक बुलाई। इस बैठक में राजस्थान सरकार के डिप्टी सीएम सचिन पायलट मौजूद नहीं थे। क्योंकि वो दिल्ली में थे। मीटिंग के जरिए अशोक गहलोत ने सरकार पर अपनी पकड़ दिखानी चाही, लेकिन सचिन पायलट की गैरहाजिरी ने कई सवाल खड़े कर दिए।
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बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कई विधायकों और मंत्रियों ने समर्थन पत्र सौंपे और गहलोत के नेतृत्व में भरोसा जताया है। इसके साथ ही देर रात राजस्थान की सीमा को भी सील कर दिया गया है। बिना पास राजस्थान से बाहर जाने की इजाजत नहीं है।
हालांकि सीमा सील करने के पीछे सरकार ने कोरोना संक्रमण की वजह बताई है। लेकिन कयास ये लगाया जा रहा है कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए विधायको के बाहर जाने की आशंका में फैसला किया गया है। एसओजी की एफआईआर के बाद अब राजस्थान में सियासी संकट गहराता जा रहा है।