विवेक अवस्थी
नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में इस वक्त जोरदार घमासान देखने को मिल रहा है। हालात तो इतने खराब हो गए है बड़े से बड़े दिग्गज अब कांग्रेस से किनारा करते नजर आ रहे हैं। राज्य में उसकी स्थिति लगातार खराब हो रही है। दूसरी ओर बगावत इस वक्त कांग्रेस में ज्यादा देखने को मिल रही है। इसका ताजा उदाहरण है राजस्थान।
राजस्थान में बीते कुछ दिनों ऐसी उठापटक देखने को मिली कि सोनिया गांधी भी अशोक गहलोत से नाराज हो गई। कल तो अशोक गहलोत पार्टी के चहेते थे लेकिन अब वो कांग्रेस के निशाने पर आ गए है।
दरअसल राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में बगावत देखने को तब मिली जब अशोक गहलोत कांग्रेस का चुनाव लडऩे की तैयारी में थे और वहां पर सचिन पायलट को हाईकमान ने सीएम बनाने का मन बना लिया था लेकिन गहलोत कैंप ने ऐसा खेल खेला कि अब अशोक गहलोत को सोनिया गांधी से माफ मागनी पड़ी है।
दूसरी ओर सचिन पायलट का अगल कदम क्या होगा इसका अंदाजा किसी को नहीं है। गुरुवार को जहां एक ओर अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बात रखी तो वहीं सचिन पायलट ने भी सोनिया गांधी से मिलकर सारी स्थिति से अवगत कर दिया है। सोनिया गांधी से मिलने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि सोनिया गांधी से हमने बात की है।
उन्होंने हमारी सारी बातों को सुना। हम सब चाहते हैं कि 2023 का विधानसभा चुनाव हम मिलकर लड़े । हमें यकीन है कि हम दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। मेरी पहली प्राथमिकता राजस्थान है। हम सबको मिलकर काम करना पड़ेगा, राजस्थान के मामले में जो भी फैसला होगा, वो सबको स्वीकार्य होगा।
वहीं अशोक गहलोत ने इससे पहले सोनिया गांधी से मिलकर माफी मागी थी। अशोक गहलोत ने कहा कि मैं पिछले 50 सालों से कांग्रेस का वफादार सिपाही रहा हूं. जो घटना दो दिन पहले हुई उसने हम सबको हिलाकर रख दिया। मुझे जो दुख है वो मैं ही जान सकता हूं, पूरे देश में यह संदेश चला गया कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं इसलिए यह सब हो रहा है।
उन्होंने कहा, कि दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति बन गई कि प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. हमारी परंपरा है कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाता है। दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति बन गई कि प्रस्ताव पारित नहीं पाया। मैं मुख्यमंत्री हूं और विधायक दल का नेता हूं, यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा। मैंने सोनिया गांधी से माफी मांगी है।
’’ कुल मिलाकर अब देखना होगा कि राजस्थान की राजनीति में अब ऊंट किस करवट बैठता है। क्या सोनिया गांधी सचिन पायलट को राजस्थान की सीएम बनाने का फैसला कर सकती या फिर अशोक गहलोत अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो जायेगे। ये आने वाले एक से दो दिन में पता चल जाएगा।