जुबिली न्यूज डेस्क
राजस्थान के जालोर जिला के आहोर उपखंड क्षेत्र के ओडवाड़ा गांव में आज प्रशासन यहां ओरण भूमि पर बने 400 घरों को तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है। मामले में कार्रवाई राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों पर की जा रही है। यह मामला 2 भाइयों की आपसी लड़ाई से यहां तक पहुंचा है.
महिलाओं से बर्बरता और पुलिस का क्रूर चेहरा
घरों पर जेसीबी और बुल्डोजर चलता देख वहां महिलाएं बेसुध हो गईं. छोटी-छोटी बच्चियां बेघर होते ही चीखती चिल्लाने लगीं. लेकिन पुलिस की कार्रवाई नहीं रुकी. जो लोग लाठीचार्ज के बाद भी विरोध करते दिखे उन्हें पुलिस ने पकड़कर वैन में डाल दिया. इस दौरान की कई तस्वीरें और वीडियो भी सामने आई हैं, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
इस पूरे मामले को लेकर प्रदेशभर में राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘जालोर के ओडवाडा में उजड़ते आशियाने, बिलखते परिवार, महिलाओं से बर्बरता और पुलिस का क्रूर चेहरा. भाजपा के नये राजस्थान में आपका स्वागत है.
बीजेपी को वोट देना मतलब बेघर होने की पक्की गारंटी है। राजस्थान का ओडवाड़ा गांव इसका ताजा उदाहरण है। जहां 440 घरों को तोड़कर गरीब लोगों को उजाड़ा जा रहा है। #ओडवाड़ा_को_बचाओ pic.twitter.com/QUSRyhkKio
— Tribal Army (@TribalArmy) May 16, 2024
हाई कोर्ट के आदेश
दरअसल, हाई कोर्ट ने 7 मई को चारागाह भूमि पर बने मकानों को हटाने के आदेश दिए थे. चश्मदीदों ने बताया कि चारागाह (ओरण) भूमि पर बने मकानों को हटाने के लिए आज सुबह 7 बजे जब प्रशासन और पुलिस अधिकारी वहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने रास्ता ब्लॉक कर दिया. महिलाएं बुलडोजर और पुलिस की गाड़ियों के आगे बैठ गईं. इसके बाद जबदरस्त विरोध प्रदर्शन हुआ, और फिर मौके पर JCB के जरिए मकानों की बाउंड्री तोड़ी गई और कुछ घरों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए. गांव में हालात बिगड़ता देख फिलहाल प्रशासन की ओर से कल तक की राहत दी है. अधिकारियों ने कहा है कि मौजूद लोगों को कल तक सामान हटाने की चेतावनी दी जा रही है. आने वाले 3 दिनों तक लगातार कार्रवाई जारी रहेगी. शुक्रवार को फिर से कार्रवाई होगी.
जहां कोर्ट का स्टे, वहां कार्रवाई नहीं
आहोर SDM शंकर लाल मीणा ने बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है. जहां कोर्ट का स्टे है, उन जगहों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. अतिक्रमण हटाने के दौरान कई लोगों ने हाथ जोड़कर कहा कि कार्रवाई मत कीजिए, हम कहां जाएंगे. इस पर पुलिस ने समझाइश की. लेकिन जब वो नहीं माने तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. मौके पर करीब डेढ़ हजार ग्रामीण हैं.
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दो भाइयों की लड़ाई ने उज्जाड़ा 150 घर
ओडवाड़ा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित ने बताया कि करीब 3 साल पहले गांव के निवासी मुकेश पुत्र मुल्ल सिंह राजपुरोहित और महेन्द्र सिंह पुत्र बाबू सिंह राजपुरोहित के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था. दोनों भाइयों का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया. जमीन की नाप हुई तो करीब 440 मकान चारागाह भूमि में पाए गए. इसके बाद कोर्ट के आदेश से 2022 और 2023 में कुछ कच्चे अतिक्रमण हटा दिए थे. कोर्ट के आदेश पर 150 से अधिक कच्चे मकान और करीब 160 बाड़े हटाने को लेकर गांव में मकानों को चिह्नित कर निशान लगाए गए थे.