जुबिली स्पेशल टीम
अलवर। राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है। कौन वहां पर बाजी मारेगा ये तीन दिसम्बर को पता चल जायेगा। कांग्रेस से लेकर बीजेपी ने बीते एक महीनों से जमकर वहां प्रचार-प्रसार किया है। इतना ही प्रत्याशियों ने जीत के लिए पसीना बहाया है।
जनसंपर्क कर जनता का दिल जीतने में कांगे्रस से लेकर बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। जहां एक ओर कांग्रेस फिर से अपनी वापसी का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी को उम्मीद है कि हर बार की तरफ इस बार पांच साल बाद राजस्थान में सत्ता परिवर्तन होगा।
दरअसल राजस्थान के चुनावी इतिहास में एक रिवाज है कि वहां पर हर पांचवें साल सत्ता बदल जाती है लेकिन कांग्रेस कहती है कि इस बार रिवाज बदलेंगे और कांग्रेस फिर से सत्ता में लौटेंगी।
हालांकि ये भविष्य के गर्भ में है कि किसकी वहां पर सरकार बनती है लेकिन इसके बावजूद लोगों ने अटकले लगानी शुरू कर दी है। राजस्थान की राजनीति में पांच जातियों पर निर्भर है कि किसकी सरकार बनेगी।
राजस्थान की राजनीति में पकड़ रखने वाले कई लोगों का मानना है कि पांच जातियां पर पूरी समीकरण टिका हुआ है। जाट, आदिवासी, राजपूत, गुर्जर और दलितों पर ही पूरा खेल टिका हुआ है। मीडिया रिपोट्र्स की माने तो कुछ आंकड़े इसी तरफ इशारा भी कर रहे हैं।अगर देखा जाये तो राजस्थान में 89 फीसदी हिंदूओं का बोलबाला है जबकि 11 फीसदी अल्पसंख्यक समुदाय है। इसी तरह से नौ प्रतिशत मुस्लिम आबादी है।
गुर्जर और राजपूतों की बात की जाये तो ये क्रमश:नौ-नौ प्रतिशत है। 12 फ़ीसदी जाट और 13 फ़ीसदी आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं।
अगर दलितों की बात की जाये तो राजस्थान में 18 प्रतिशत है और ऐसे में ये पांच जातियां पूरे राजस्थान में सरकार बनने और बिगड़ाने का दम-खम रखते हैं।
ऐसे में कांग्रेस हो या फिर बीजेपी सभी इन पांच जातियों के सहारे अपनी सत्ता का दावा कर रहे हैं लेकिन ये देखना होगा कि कौन-कौन लोग किसे वोट देते हैं। कुल मिलाकर राजस्थान में सत्ता किसको मिलेगी वो जाट, आदिवासी, राजपूत, गुर्जर और दलितों पर निर्भर है।