न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव 2019 में नरेंद्र मोदी की ‘सुनामी” में कांग्रेस को मिली करारी हार ने पार्टी नेताओं को अंदर तक हिलाकर रख दिया है। चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन और अमेठी की हार से आहत राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, दूसरी ओर उनके इस्तीफा वापस न लेने की स्थिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के मॉडल को अंतिम रूप दे रहे हैं।
फिलहाल राहुल के साथी की तलाश की जा रही है। इस रेस में सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत सहित कई नाम शामिल हैं। जिनमें से किसी एक को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
माना जा रहा है कि कांग्रेस में नए कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति से पार्टी राहुल गांधी के कंधों से काम के बोझ को कम कर सकेगी। इसके अलावा कार्यकारी अध्यक्ष जहां दिन-प्रतिदिन के काम पर फोकस रखेंगे तो वहीं राहुल गांधी पार्टी का कायाकल्प करने की कोशिशों और बड़े लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। यही वजह है कि राहुल के नए उत्तराधिकारी के नाम को लेकर पार्टी में लगातार मंथन हो रहा है।
कांग्रेस को करीबी से देखने वालों के अनुसार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट का नाम सबसे आगे है। पायलट मुखर वक्ता और जमीन से जुड़े हुए नेता के तौर पर जाने जाते हैं। वह 41 साल के हैं और युवाओं को पार्टी से जोड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा उन्हें कांग्रेस के वफादार के तौर पर भी जाना जाता है और पार्टी के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय राजेश पायलट के बेटा हैं। हालांकि, उनसे अनुभव में अशोक गहलोत कहीं आगे है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि सोनिया गांधी चाहती है कि आशोक गहलोत आगे आकर कांग्रेस की कमान संभाले। सूत्रों की माने तो राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता अशोक गहलोत जल्द राहुल गांधी की जगह पार्टी के नए अध्यक्ष बन सकते हैं। कांग्रेस ने इस बारे में मन बना लिया है और अशोक गहलोत को इसके लिए तैयार रहने को भी कहा है।
हालांकि इस बारे में तस्वीर अभी साफ नहीं है कि अशोक गहलोत अकेले कांग्रेस अध्यक्ष होंगे या दो-तीन और नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा, लेकिन इतना तय है कि अगले कुछ दिनों में कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिलने वाला है, जो गांधी परिवार से नहीं होगा।
इसलिए गहलोत के पक्ष में बनी बात
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहुल गांधी के लिए उतने ही विश्वासपात्र हैं जितना सोनिया गांधी के लिए अहमद पटेल रहे हैं। कांग्रेस में गहलोत की स्वीकार्यता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह, कमलनाथ और अशोक चव्हाण जैसे क्षेत्रीय क्षत्रपों के साथ उनका जबरदस्त तालमेल है।
गहलोत को एक हार्डकोर संगठन मैन के रूप में देखा जाता है। एक मुख्यमंत्री और सांसद होने के अलावा, गहलोत ने कई पदों पर कार्य किया है, जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव से लेकर संगठन महासचिव में अपना योगदान दिया है। गहलोत 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रभारी थे, जहां बीजेपी को जीतने में कांग्रेस ने नाको चने चबवा दिए थे। इसके अलावा पिछले साल कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार बनवाने में अहम भूमिका अदा की थी। पिछड़ी जाति से आते हैं। कांग्रेस को अगर खोया जनाधार वापस पाना है, तो इसी समुदाय से वोट फिर हासिल करने की बड़ी चुनौती है।
तो सचिन होंगे राजस्थान के पायलट
सूत्रों के अनुसार, अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के बाद राजस्थान की कमान उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को दी जा सकती है। हाल के समय में गहलोत और पायलट गुट के बीच विवाद की कई खबरें आई हैं। पार्टी को लगता है कि गहलोत के अध्यक्ष बनने से यह समस्या भी दूर हो जाएगी।