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ताजमहल में आरती करने के शिवसेना के ऐलान के बाद पुरातत्व विभाग की स्मारक के बाहर अतिरिक्त सुरक्षा की मांग को जिला प्रशासन ने अपनी सहमति दे दी है।
अधीक्षण पुरातत्वविद बसंत स्वर्णकार ने जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा है कि ताज में पहले कभी भी कोई पूजा अर्चना और महाआरती नहीं हुई है।
बता दें कि बीते दिनों शिवसेना के प्रदेश उपप्रमुख वीनू लवानिया ने कहा था कि ताजमहल, तेजो महालय है और हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। इसको देखते हुए श्रावण मास के चारों सोमवार को ताजमहल में आरती की जाएगी।
इसके बाद से ही ताजमहल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बाबत एएसआई के आगरा परिक्षेत्र के सुप्रिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट वसंत स्वर्णकार का कहना है कि ताजमहल में आज तक कोई आरती या किसी किस्म की पूजा नहीं की गई है।
बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब दक्षिणपंथी समूह ने ताजमहल में पूजा की बात कह कर विवाद खड़ा किया हो। पिछले ही साल महिलाओं के एक समूह ने ताजमहल के भीतर पूजा की थी। उनका मकसद यह स्थापित करना था कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर था।
इसके भी पहले 2008 में शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने ताजमहल में घुसपैठ कर हाथ जोड़ कर उसकी परिक्रमा की थी। पुलिस ने उन्हें देख रोकने की कोशिश की, जिसका विरोध करने पर पुलिस से शिवसैनिकों की झड़प भी हुई थी।
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