Thursday - 7 November 2024 - 4:03 AM

पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते रेलवे को हुआ 1,670 करोड़ का नुकसान

जुबिली न्यूज डेस्क

केंद्र सरकार ने सिंतबर में संसद में तीन कृषि बिल पास किए। इस बिल का पूरे देश के किसानों ने विरोध किया और पंजाब में इसको लेकर किसान आंदोलनरत हैं।

पिछले हफ्ते किसान संगठनों की सरकार से इस कानून को लेकर बातचीत भी हुई, बावजूद कृषि कानून के खिलाफ पंजाब के किसान अपना आंदोलन खत्म करने को तैयार नहीं हो रहे हैं।

लेकिन किसानों के इस आंदोलन के चलते रेलवे को खासा नुकसान उठाना पड़ा है। रेल मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब के किसानों के आंदोलन के कारण भारतीय रेलवे को 1,987 यात्री गाड़ियों और 3,090 मालगाड़ियों  को या तो रद्द करना पड़ा है या गंतव्य से पहले ही सेवाएं बंद करनी पड़ी हैं।

यह सिलसिला आज भी जारी है। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डी.जे. नारायण के मुताबिक पंजाब में 17 और 18 नवंबर को चलने वाली 43 यात्री गाड़ियों को रद्द किया गया या फिर उन्हें गंतव्य से पहले ही रोका जा रहा। वहीं, 16 नवंबर को कोयला, उर्वरक और सीमेंट आदि ले जाने वाली ले जाने वाली 203 मालगाडिय़ों के मामले में भी यही स्थिति रही।

उन्होंने कहा, हर दिन लगभग 30-40 यात्री गाड़ियां रद्द की जा रही हैं। अभी तक जो आंकड़े हमारे पास हैं उसके मुताबिक पंजाब आंदोलन के कारण 1,987 यात्री ट्रेनें रद्द की चुकी है। जबकि यह ऐसा समय है जब त्योहारी सीजन के कारण ट्रेनों में यात्रियों की संख्या 90 प्रतिशत से अधिक हो रही है।

वहीं रेल मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक अक्टूबर की शुरुआत में पंजाब में लगभग पांच-छह विशेष ट्रेनें चल रही थी, लेकिन बाद में इस संख्या को बढ़ा दिया गया। क्योंकि देशभर में और ज्यादा विशेष ट्रेनों की घोषणा कर दी गई थी।’

रेलवे अधिकारियों के अनुसार किसानों के आंदोलन के कारण रेलवे का नुकसान 1,670 करोड़ रुपये तक हो चुका है।

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अब भी किसान और सरकार के बीच है गतिरोध

नए कृषि कानूनों पर केंद्र और आंदोलनकारी किसानों के बीच जारी गतिरोध को लेकर पिछले हफ्ते बातचीत हुई थी लेकिन सात घंटे के विचार-विमर्श के बावजूद कोई निर्णय नहीं हो पाया।

बैठक की अध्यक्षता करने वाले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बाद में कहा कि ‘बैठक में एक बात तो साफ थी कि किसानों की मांग और सरकार की स्थिति में काफी अंतर को देखते हुए सामंजस्य बैठाना आसान काम नहीं हैं, और इसे तुरंत हल नहीं किया जा सकता। मैं आभारी हूं कि वे आए और मैंने उनसे ऐसी और चर्चाओं का अनुरोध किया है।’

केंद्र और किसान संगठनों के बीच अगली बैठक 18 नवंबर को होगी।

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