जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर जा रहे हैं। वह राहत कैम्पों में जाकर हिंसा प्रभावितों का हालचाल जानेंगे। वह इंफाल और चुराचांदपुर जाएंगे और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे। एआईसीसी के संगठन प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा के बारे में जानकारी दी है।
बता दे कि राहुल गांधी दो दिन मणिपुर में रहेंगे। मणिपुर करीब दो महीने से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। इसके चलते 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। हिंसा फैलने के बाद मणिपुर जाने वाले राहुल गांधी विपक्ष के पहले बड़े नेता होंगे।
सीएम एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग
मणिपुर में हिंसा नहीं रोक पाने के लिए कांग्रेस ने बीजेपी की राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी पहले ही मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग कर चुकी है। कांग्रेस का तर्क है कि बीरेन के नेतृत्व में शांति बहाल नहीं की जा सकती।
मणिपुर जाने के लिए नहीं मांगी अनुमति
बता दे कि मणिपुर जाने के लिए राहुल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कोई अनुमति नहीं मांगी है। राज्य में यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं है। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने मांग की थी कि राज्य में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाए।
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वेणुगोपाल ने कहा, “मणिपुर करीब दो महीने से जल रहा है। हिंसा प्रभावित लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने की जरूरत है ताकि समाज संघर्ष से शांति की ओर बढ़ सके। यह एक मानवीय त्रासदी है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम प्यार की ताकत बनें, न की नफरत की। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राज्य का दौरा करने वाले राहुल गांधी पहले विपक्षी नेता होंगे।