जुबिली न्यूज डेस्क
साल 2024 में लोकसभा चुनाव हैं। कर्नाटक चुनाव के ठीक बाद 19 राज्यों में 10 से 19 मई के बीच यह सर्वे किया गया है। कर्नाटक में करारी हार के बाद भी इस सर्वे से बीजेपी के लिए गुड न्यूज आई है।जी हां, सर्वे के नतीजे बता रहे हैं कि पीएम मोदी की लोकप्रियता को कोई हिला नहीं सका है और पार्टी का वोट शेयर उसके साथ बरकरार है।
सर्वे में शामिल करीब 43 फीसदी लोगों ने कहा कि भाजपा की अगुआई वाली एनडीए को तीसरा कार्यकाल भी मिलना चाहिए, जबकि 38 प्रतिशत लोग इसके विरोध में थे। 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अगर आज चुनाव हुए तो वे भाजपा को वोट देंगे। कांग्रेस को 29 प्रतिशत लोगों ने वोट देने की बात कही।
राहुल गांधी की बढ़ी लोकप्रियता
2019 में भाजपा का 37 प्रतिशत वोट शेयर था जो 2023 में बढ़कर 39 प्रतिशत हो गया। कांग्रेस का 19 प्रतिशत से बढ़कर 29 प्रतिशत हो गया। खास बात यह है कि सर्वे में शामिल 43 फीसदी लोगों ने कहा कि अगर आज चुनाव कराए जाते हैं तो पीएम पोस्ट के लिए नरेंद्र मोदी ही उनकी पहली पसंद होंगे। हां, दूसरे नंबर पर राहुल गांधी टक्कर दे सकते हैं। 27 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री के रूप में राहुल को अपनी पहली पसंद बताया। ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल दोनों 4 प्रतिशत वोट के साथ काफी पीछे हैं। अखिलेश यादव के पक्ष में 3 प्रतिशत और नीतीश कुमार के समर्थन में 1 प्रतिशत लोग खड़े दिखे।
जब लोगों से यह पूछा गया कि 2024 में पीएम मोदी को कौन चुनौती दे सकता है? इसके जवाब में 34 प्रतिशत लोगों ने राहुल गांधी का नाम लिया जबकि अरविंद केजरीवाल का नाम लेने वाले 11 प्रतिशत थे। 5 प्रतिशत लोगों ने अखिलेश, 4 प्रतिशत ने ममता का नाम लिया।
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राहुल को पसंद करते रहे हैं
26 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे हमेशा से राहुल को पसंद करते रहे हैं जबकि 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल को पसंद करना शुरू किया। 16 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कांग्रेस नेता को पसंद नहीं करते। उधर, 55 प्रतिशत लोग कई मोर्चों पर सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं। करीब 38 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे कुछ हद तक केंद्र सरकार के काम से संतुष्ट हैं। 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बिल्कुल भी सरकार से संतुष्ट नहीं हैं।
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इसके अलावा अगले सवाल के जवाब में 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां कानून के तहत काम कर रही हैं जबकि 32 प्रतिशत लोगों का कहना है कि राजनीतिक प्रतिशोध के लिए उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। लोकनीति-सीएसडीएस ने 71 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 7202 लोगों के बीच यह सर्वे किया है।