जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. तीन कृषि कानूनों को बगैर सदन में चर्चा कराये ही निरस्त कर देने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि हम तो पहले से ही यही मांग कर रहे थे कि किसान विरोधी इन कानूनों को निरस्त किया जाए. सरकार ने कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए इन कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को निरस्त करना अच्छी बात है लेकिन इन कानूनों पर संसद में चर्चा होनी चाहिए थी. सरकार को बताना चाहिए था कि आखिर क्या सूचकर यह क़ानून बनाए गए थे.
राहुल गांधी ने कहा कि केन्द्र सरकार भारतीय जनता की ताकत का सामना नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि किसान भारतीय जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए सड़कों पर उतरे तो सरकार उनका सामना नहीं कर पाई. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार पर ऐसे लोगों के समूह का कब्ज़ा हा जो किसानों और मजदूरों के अधिकारों को नुक्सान पहुंचा रहे हैं. सरकार ने इन कानूनों को निरस्त कर दिया तो यह देश के किसानों और मजदूरों की जीत हुई है. अब सरकार को चाहिए कि वह किसानों की एमएसपी की मांग को भी मान ले.
राहुल गांधी ने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध करते हुए 700 किसानों की जन चली गई. इस पर भी चर्चा होनी चाहिए थी. यह क़ानून किसके दबाव में बनाये गए थे यह भी बताया जाना चाहिए था. एमएसपी और किसानों की अन्य समस्याओं पर बात होनी चाहिए थी. लखीमपुर काण्ड और गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को लेकर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए थी.
राहुल ने कहा कि सरकार अभी भी इस भ्रम में है कि किसान और मजदूर क्योंकि गरीब हैं इसलिए उन्हें दबाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी से सरकार को यह सबक लेना चाहिए कि किसान और मजदूर कमज़ोर नहीं हैं. सरकार ने तीन कृषि कानूनों के ज़रिये किसानों पर जो हमला बोला था उससे उसे खुद पीछे हटाना पड़ा.
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