जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने आग्रह किया कि वे सरकार से यह सुनिश्चित कराने का अनुरोध करें कि जो शिक्षक ईमानदार और निष्पक्ष तरीके से चयनित हुए थे, उनकी नौकरियां सुरक्षित रहें।
राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं को उजागर करते हुए पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। इस निर्णय के कारण हजारों शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं, जिनमें वे भी शामिल हैं जो निष्पक्ष रूप से चयनित हुए थे।
उन्होने ने कहा कि “भ्रष्टाचार में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन बेदाग शिक्षकों को दोषियों के साथ एक जैसा व्यवहार करना अन्यायपूर्ण है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अधिकतर बेदाग शिक्षक लगभग एक दशक से सेवा दे रहे थे। उनकी बर्खास्तगी से न केवल शिक्षकों के परिवार प्रभावित होंगे बल्कि लाखों छात्रों की पढ़ाई भी बाधित हो सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों के एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मिलकर अपनी परेशानियां साझा की थीं और इस मुद्दे पर राष्ट्रपति को पत्र लिखने का आग्रह किया था।
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राहुल गांधी पत्र राष्ट्रपति
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से अपील करते हुए लिखा, “आप स्वयं एक शिक्षिका रही हैं। मुझे विश्वास है कि आप शिक्षकों और छात्रों की परेशानियों को भली-भांति समझती होंगी। कृपया सरकार से इस मामले में दखल देने का आग्रह करें, ताकि बेदाग शिक्षकों की नौकरियां सुरक्षित रह सकें।”
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इस मुद्दे पर क्यों मचा है हंगामा?
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पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायतें लंबे समय से उठ रही थीं।
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अदालत के फैसले के बाद हजारों शिक्षकों को नौकरी से हटाया गया।
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सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
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बेदाग शिक्षकों का कहना है कि वे बिना किसी गलती के सजा भुगत रहे हैं।
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राहुल गांधी ने मानवता के आधार पर न्याय की अपील की है।