जुबिली स्पेशल डेस्क
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर अपनी खोई हुई जमीन को पाने के लिए संघर्ष कर रही है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने कांग्रेस में एक नई जान जरूर फूंक दी है।
कल तक जिस कांग्रेस को खत्म करने की बात कही जाती थी वहीं पार्टी अब सीधे तौर बीजेपी को चुनौती देती नजर आ रही है। हालांकि ये सच है कि जब से उसकी सत्ता केंद्र से गई है तब से उसे हार का मुंह देखना पड़ा है।
कई राज्यों से उसकी सत्ता चली गई। इसके आलावा कई बड़े नेताओं ने कांग्रेस को छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी ने सडक़ पर उतरकर कांग्रेस को फिर से जिंदा कर दिया है।
उनकी भारत जोड़ो यात्रा अब अंतिम मुकाम पर पहुंचने वाली है। राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बड़ा एलान किया है। उन्होंने 3500 किलोमीटर के सफर तय करने के बाद देश के नाम एक पत्र लिखा है और बताया है कि उनका जिंदगी का असली मकसद क्या है। वहीं कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के इस लेटर घर- घर तक पहुंचाने की बात कह रही है। बताया जा रहा है कि इस लेटर में आम मुद्दों पर बात की गई है।
कांग्रस के नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह कार्यक्रम ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ कांग्रेस पार्टी के चिन्ह और भारत जोड़ो यात्रा के राजनीतिक संदेश को आगे ले जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि यह एक कठिन काम है क्योंकि कुछ राज्यों में संगठन कमजोर है लेकिन फिर भी घर घर तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा।
राहुल गांधी ने क्या लिखा है लेटर में
अपनी चिट्ठी में राहुल गांधी ने कहा कि वे संसद से सड़क तक संघर्ष करतेर हेंगे। कांग्रेस नेता नेअपने पत्र मेंकहा कि भारत जोड़ो यात्रा ने उन्हें सिखाया हैकि उन्हें कमजोरों की ढाल बनना है।
#BharatJodoYatra को देशवासियों का अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है.. ये यात्रा नफरत की दीवारों को ढहाकर प्रेम-सद्भाव का माहौल स्थापित करेगी।
देशवासियों के नाम @RahulGandhi जी का संदेश: pic.twitter.com/SLspMdg3AU
— Congress (@INCIndia) January 13, 2023
उन्होंने कहा, ‘मेरे व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन का लक्ष्य एक ही है- हक की लड़ाई में कमजोरों का ढाल बनना, जिनकी आवाज दबाई जा रही है उनकी आवाज उठाना।’
राहुल गांधी ने लिखा, ‘मेरे साथी भारतीयों, मैं आपको 3500 किलोमीटर लंबी ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा पूरी करनेके बाद (पत्र) लिख रहा हूं।
इस यात्रा में लाखों भारतीय हमारे साथ कन्याकुमारी से कश्मीर तक चले। यह मेरेजीवन की सबसेसमृद्ध यात्रा थी, और मैं उस प्यार और स्नेह से अभिभूत हूं जो हर एक भारतीय ने हम पर बरसाया है।
” उन्होंने लिखा, “मैंने रास्ते में आपकी सभी कहानियां ध्यान से सुनीं। एक सुस्पष्ट आर्थिक संकट मंडरा रहा है- युवाओं में बेरोजगारी, असहनीय महंगाई, गंभीर कृषि संकट, और देश की संपत्ति पर पूरी तरह से कॉर्पोरेट कब्जा।”
राहुल गांधी आगे लिखते हैं, “लोग अपनी नौकरी खोने के बारे में चिंतित हैं, उनकी आय मेंऔर गिरावट आ रही है, और उनके बेहतर भविष्य के सपनेचकनाचूर हो रहेहैं।
देश भर में निराशा की गहरी भावना है। आज हमारी अनेकता भी खतरे में है। विभाजनकारी ताकतें हमारी विविधता को हमारे खिलाफ करने की कोशिश कर रही हैं- विभिन्न धर्मों, समुदायों, क्षेत्रों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है।
ये ताकतें, जो संख्या में मुट्ठी भर हैं, जानती हैं कि जब लोग असुरक्षित और डरे हुए महसूस करते हैं, तभी वे ‘दूसरे’ के लिए नफरत के बीज बो सकते हैं। लेकिन इस यात्रा के बाद मुझे विश्वास हो गया हैकि इस शातिर एजेंडे की अपनी सीमाएं हैं और यह अब और नहीं चल सकता।”