जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को अपने निशाने पर लिया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में कहा कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रह गया है।
राहुल गांधी ने इसको लेकर एक विदेशी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट का हवाला दिया। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कंटेंट से भरा एक फोटो भी शेयर किया है।
इस जो लिखा है वो बेहद चौंकाने वाला है। दरअसल इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान की तरह अब भारत भी ऑटोक्रेटिक है। भारत की स्थिति बांग्लादेश से भी खराब है। इसमें स्वीडन स्थित इंस्टीट्यूट की डेमोक्रसी रिपोर्ट का हवाला दिया गया है।
India is no longer a democratic country. pic.twitter.com/iEwmI4ZbRp
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 11, 2021
बता दें कि स्वीडन स्थित वी-डेम इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में इसी तरह का दावा किया है और बताया है कि भारत अब इलेक्टोरेल डेमोक्रेसी नहीं रहा है, बल्कि देश को इलेक्टोरेल ऑटोक्रेसी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत अब इलेक्टोरेल ऑटोक्रैसी बन गया है।
राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर मोदी सरकार पर तंज किया है। अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा कि देश के अन्नदाता अपना अधिकार मांग रहे हैं और सरकार उन पर अत्याचार कर रही है।
उन्होंने लिखा कि देश की सीमा पर जान बिछाते हैं जिनके बेटे, उनके लिए कीलें बिछाई हैं दिल्ली की सीमा पर। अन्नदाता मांगे अधिकार, सरकार करे अत्याचार!
राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा था कि अन्नदाता का बारिश से नाता पुराना ना डरते ना करते मौसम का बहाना तो क्रूर सरकार को फिर से बताना असंभव किसानों को पीछे हटाना तीनों क़ानूनों को पड़ेगा लौटाना!
अन्नदाता का बारिश से नाता पुराना
ना डरते ना करते मौसम का बहाना
तो क्रूर सरकार को फिर से बताना
असंभव किसानों को पीछे हटाना
तीनों क़ानूनों को पड़ेगा लौटाना! #FarmersProtests— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 10, 2021
इससे पहले भी कई मौको पर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा है और पांच मार्च को एक ट्वीट किया था और उमसें उन्होंने कहा था कि अंधी महंगाई 3 कारणों से असहनीय है- 1. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के गिरते दाम. 2. केंद्र सरकार के द्वारा टैक्स के नाम पर डकैती. 3. इस डकैती से 2-3 उद्योगपतियों का मुनाफ़ा. पूरा देश इसके ख़िलाफ़ एकजुट है- सरकार को सुनना ही होगा!