न्यूज डेस्क
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मिशन 2019 के लिए आज चुनावी वादों का पिटारा खोल दिया। केंद्र के किले को फतह करने के लिए राहुल ने अपने तरकश में न्याय, नौकरी और नारी को मुख्य जगह दी है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में हम निभाएंगे लिखा है।
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने तीन महीने में इस मैनिफेस्टो को तैयार किया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को जन आवाज नाम दिया है।
घोषणा पत्र जारी करने से पहले चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार में चार करोड 70 लाख नौकरियां गईं। बेराजगारी, महिला सुरक्षा और किसान मोदी सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा मुद्दा है।
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आज का दिन देश के लिए बहुत अहम है। कांग्रेस का घोषणा पत्र हर किसी की उम्मीद पूरा करेगी। कई लोगों से चर्चा के बाद ये घोषणा पत्र जारी किया गया। देश के हर कोने के विकास के लिए ये घोषणा पत्र बनाया गया है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीताने के लिए राहुल गांधी ने अपने घोषणा पत्र में 19 वादे किए हैं। कांग्रेस मुख्यालय में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मौजूदगी राहुल गांधी ने पहली बार घोषणा पत्र जारी किया।
राहुल गांधी ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं को फोकस करते हुए रोजगार पर जोर दिया है और 2020 तक खाली पड़े 22 लाख नौकरियां देने का वादा किया है।
गरीबी पर वार 72 हजार
राहुल गांधी ने घोषणा पत्र जारी करने से पहले कहा कि हमारा मैनिफेस्टों बंद दरवाजे के अंदर नहीं बना है। उन्होंने कहा कि न्याय योजना के तहत हम गरीबी पर वार करेंगे और नारा दिया गरीबी पर वार 72 हजार।
इसके बाद उन्होंने कहा कि हमने इस बात का ध्यान रखा कि घोषणा पत्र में एक भी झूठ न हो। उन्होंने बेराजगारी की बाते करते हुए कहा कि 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायत में नौकरी देंगे।
किसानों के लिए अलग से बजट
राहुल गांधी ने ऐलान किया कि हम किसानों के लिए अलग से बजट लाएंगे। जैसे रेल के लिए अलग बजट होता था, वैसे ही किसानों के लिए भी अलग से बजट होगा ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके लिए कितना खर्च हो रहा है। राहुल ने कहा कि अगर किसान कर्ज ना चुका पाता है तो वह आपराधिक मुकदमा नहीं बल्कि सिविल मुकदमा के तहत आएगा।
इसके साथ राहुल ने किसानों और अल्पसंख्यकों को भी अपने मैनिफेस्टों में खास जगह दी है। इसके अलावा कांग्रेस ने न्यूनतम आय योजना (न्याय) और स्वास्थ्य के अधिकार के साथ किसान की कर्ज माफी, नीति आयोग को खत्म करने से लेकर दलितों और ओबोसी समुदायों के लिए कई प्रमुख वादे किए हैं।
ये हैं वादे
- शिक्षा पर जीडीपी को छह फीसदी खर्च किया जाएगा।
- राफेल मामले की जांच कराई जाएगी।
- नीति आयोग को बंद करके योजना आयोग को दोबारा बहाल किया जाएगा।
- एससी-एसटी के विकास के लिए योजना लाएंगे।
- तीन साल तक नए उद्योगों को किसी रेगुलेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। एंजेल टैक्स को खत्म करेंगे। इसके अलावा छोटे व्यापारियों को आसानी से कर्ज मिलेगा।
- असंगठित क्षेत्रों, खेती-बाड़ी और एमएसएमई से करीब 90 फीसदी नौकरियां निर्मित होंगी। स्टूडेंट्स को इनके अनुसार कौशल विकास प्रदान कर रोजगार देंगे।
- किसानों के लिए अलग से बजट आएगा।