न्यूज डेस्क
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में उनके मान-मनौव्वल का दौर चल रहा है। दूसरी ओर सोनिया गांधी प्लान बी पर भी काम करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि अगर राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अडे रहते हैं तो किसी गैर गांधी को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है।
खबरों की माने तो राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि, कमलनाथ और अशोक गहलोत के पास दो बड़े प्रदेशों की जिम्मेदारी है इसलिए देश की सबसे पुरानी पार्टी को संभालने के लिए इस रेस में सबसे आगे सुशील कुमार शिंदे चल रहे हैं।
सूत्रों की माने तो संसद सत्र के चलने तक अगर राहुल गांधी नहीं माने तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाकर कांग्रेस नए अध्यक्ष का एलान कर सकती है। अगर सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ उनके सामने दो धड़ों में बंट चुकी पार्टी को एक करने की बड़ी चुनौती होगी।
खबर के अनुसार पार्टी में युवा नेताओं ने अपना अलग गुट बना लिया है। जबकि सभी अनुभवी दिग्गज एक साथ खड़े नजर आते हैं। मध्य प्रदेश में राहुल के करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ में खिंचतान जगजाहिर है। ऐसा ही महौल मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच देखा जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस के अगले चयन में गांधी परिवार अपनी पूरी समझ झोंक रहा है। इसको ध्यान में रख कर कांग्रेस सुशील कुमार शिंदे को आगे कर सकती है क्योंकि उनकी दोनों वर्गों पर अच्छी पकड़ है।
इसके अलावा शिंदे को कभी अति महत्वकांक्षी होते नहीं देखा गया। उनको लेकर यह आम धारणा है कि उन्होंने पार्टी के निर्देशों के ऊपर जाकर कभी अपनी महत्कांक्षाओं को हावी नहीं होने दिए। वह इससे पहले उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके हैं, तब उन्होंने भैरो सिंह शेखावत से चुनौती दी थी, लेकिन वे हार गए थे।
यही नहीं जब महाराष्ट्र में उनके और विलासराव देशमुख के बीच मुख्यमंत्री बनने की होड़ शुरू हुई तो पार्टी ने उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया, लेकिन उन्होंने एक शब्द बोले बगैर यह पद ले लिया। इसके बाद उन्हें कांग्रेस की सरकार में केंद्र प्रमुख पदों पर बुलाया गया।
सुशील कुमार शिंदे महाराष्ट्र के लिए जाने-माने दलित नेता हैं। उनके कांग्रेस अध्यक्ष बनने से दलितों के बीच कांग्रेस के प्रति झुकाव हो सकता है, इस बात को ध्यान में रख उनका नाम सबसे सही माना जा रहा है।
बतात चले कि आने वाले दिनों में सबसे बड़ा चुनाव महाराष्ट्र में ही होने वाला है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में उनकी पूरी तैयारी विधानसभा चुनावों में उतरने की भी होगी। इतना ही नहीं एनसीपी को कांग्रेस के साथ लाने में उन्हीं प्रमुख भूमिका है। सुशील कुमार शिंदे ही वह शख्स हैं जो आने वाले विधानसभा चुनाव में एनसीपी और कांग्रेस के बीच पूल का काम करेंगे।