जुबिली न्यूज डेस्क
तेलंगाना विधानसभा चुनाव प्रचार में जुटे कांग्रेस नेता राहुल गांधी तेलंगाना में फिर जातिगत जनगणना कराने जाने की मांग उठाई. राहुल गांधी ने गुरुवार को तेलंगाना के भूपालपल्ली से पन्नूर गांव तक कांग्रेस की चुनावी यात्रा की. इस अवसर पर राहुल गांधी ने बीजेपी, बीआरएस एवं एआईएमआईएम पर निशाना साधा. इसके साथ ही उन्होंने जातिगत जनगणना की मांग करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना कराई जाए. तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनी तो उनकी सरकार जातिगत जनगणना करवाएगी.
राहुल गांधी ने कहा कि सीएम केसीआर इस चुनाव में पराजित होंगे, क्योंकि यह लड़ाई राजा और प्रजा के बीच हो रही है. तेलंगाना में अभी जनता का राज नहीं बल्कि केवल एक परिवार का राज चल रहा है. राहुल गांधी ने कहा कि तेलंगाना पर केवल एक परिवार राज कर रहा है. इसका जनता से कोई मतलब नहीं है. तेलंगाना में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हो रहा है. बीजेपी, एआईएमआईएम और बीआरएस तीनों आपस में मिले हुए हैं.
एक्स-रे का काम करेगी जातिगत जनगणना
उन्होंने सवाल किया कि तेलंगाना के सीएम पर सीबीआई या ईडी क्यों नहीं लगती है. इन दिनों देश में ईडी को लेक सियासत चल रही है. बता दें कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि ईडी विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है. यह राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित होकर किया जा रहा है.
राहुल गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना देश के लिए एक्स-रे का काम करेगी. वह जातिगत जनगणना करते हैं, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर कुछ और ही कहते हैं.
बता दें कि हाल ही में बिहार में जातीय सर्वे की रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें पता चला कि बिहार की आबादी में अन्य पिछड़े वर्ग की हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा है. राहुल ने अब राष्ट्र स्तर पर जातिगत जनगणना की वकालत की.
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सबसे बड़ा मुद्दा जातिगत जनगणना
राहुल गांधी ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा जातिगत जनगणना है. जातिगत जनगणना से यह सामने आएगा कि देश में कितने ओबीसी, दलित, आदिवासी एवं सामान्य वर्ग के लोग हैं और किसकी भागीदारी कितनी है. कांग्रेस नेता ने कतहा कि जातिगत जनगणना देश के एक्स-रे जैसा है. इससे यह पता चलेगा कि देश का धन कैसे बांटा जा रहा है.
राहुल गांधी ने कहा कि अमीर लोगों का देश में अरबों रुपये का कर्ज माफ हो जाता है, पर किसान यदि अपना बैंक लोन माफ कराना चाहे तो उसे भगा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि दुकानदारों से जीएसटी ली जाती है और वह अडानी जी की जेब में चली जाती है.