जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. संसदीय समिति की बैठक में राहुल गांधी को बोलने से रोका गया तो राहुल बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए. सशस्त्र बलों की यूनिफार्म को लेकर यह बैठक बुलाई गई थी. राहुल गांधी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूद जवानों की स्थिति पर बात करना चाहते थे लेकिन समिति के अध्यक्ष ने उन्हें बोलने से रोक दिया. इससे नाराज़ राहुल मीटिंग छोड़कर चले गए.
राहुल गांधी ने कहा कि सेना की वर्दी और रैंक को आखिर राजनेता क्यों तय करेंगे. यह काम तो सेना पर ही छोड़ देना चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि बेहतर होगा कि लद्दाख में चीन से लड़ रहे हमारे जवानों को कैसे मज़बूत बनाया जाए इस पर बात की जाए.
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लड़ रहे जवानों का मुद्दा जैसे ही राहुल गांधी ने उठाया तो समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जुअल ओरम ने राहुल गांधी को बीच में ही बोलने से रोक दिया.
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राहुल गांधी ने मीटिंग के बाद कहा कि मीटिंग में न उन्हें बोलने दिया गया और न ही उनके साथियों को. यह विवाद तब शुरू हुआ जब मीटिंग में हरियाणा से राज्यसभा एमपी देवेन्द्र पाल वत्स ने सेना की यूनीफार्म में बदलाव का मुद्दा उठाया. इस पर राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि सेना की यूनिफार्म आखिर राजनेता क्यों तय करेंगे. यह मुद्दा सेना को ही तय करने दीजिये.
बताया जाता है कि इस बैठक में चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी मौजूद थे. राहुल लगातार यह सवाल पूछ रहे थे कि सेना को जो तय करना चाहिए उसे आखिर राजनेता क्यों तय कर रहे हैं. इस दौरान सेना के वरिष्ठ अधिकारी खामोश बैठे थे.