पॉलिटिकल डेस्क।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में खेद जताया। अवमानना याचिका भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करेगा।
बता दें की शीर्ष अदालत राफेल डील के लीक दस्तावेजों को सबूत मानकर मामले की दोबारा सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी। इस पर राहुल ने कहा था कि कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार ने ही चोरी की है।
सुप्रीम कोर्ट इससे पहले राफेल मामले में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे चुका था और राफेल विमान की खरीद प्रक्रिया को सही माना था। हालांकि, इसके बाद प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका डाली, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया साथ ही एक अखबार द्वारा छापे गए दस्तावेज़ों को सबूत मानने की हामी भरी थी। इसी के बाद राहुल गांधी ने कोर्ट की टिप्पणी को चुनावी सभा में तोड़कर पेश करते हुए यह बयान दिया था, जबकि कोर्ट की ओर से सीधे तौर पर ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई थी।
राहुल ने SC में जवाब में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ‘चौकीदार चोर है’ टिप्पणी नहीं कि थी। यह सब चुनाव प्रचार के दौरान गर्म माहौल में उनके मुंह से निकल गया था। उनके बयानों को राजनीतिक विरोधियों ने गलत तरह से इस्तेमाल किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री खुद भी राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार के लिए क्लीन चिट बताते हैं।
गौरतलब है कि राहुल गांधी अपनी चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए ‘चौकीदार चोर है’ का नारा लगातार लगवाते रहे हैं।
राहुल गांधी का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल डील में घोटाला किया है और अनिल अंबानी को करीब 30 हज़ार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया है। इसी को लेकर राहुल प्रधानमंत्री पर हमलावर हैं।