न्यूज डेस्क
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो गई है। संक्रमित मरीजों की संख्या डेढ़ लाख पार हो गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 6387 नए मामले सामने आए हैं और करीब 170 लोगों की मौतें हुई हैं। बुधवार को जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस के कुल 151767 केसों में 83004 एक्टिव केस हैं, वहीं 64425 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है या फिर वह ठीक हो चुके हैं।
कोरोना वायरस संकट के बीच पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय मूल के जाने माने अमेरिकी लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष झा से बात की। इस बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कोरोना वायरस वैक्सीन के आने की संभावना पर एक सवाल पूछा, जिसके जवाब में आशीष झा ने कहा कि अगले साल तक इसकी वैक्सीन आ जाएगी।
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इस बातचीत में राहुल गांधी आशीष से पूछते हैं- ये भैया बताइए कि वैक्सीन कब आएगी?’ इसके जवाब में आशीष झा कहते हैं, ‘दो तीन वैक्सीन है, जो एक अमेरिका, एक चीन और एक ऑक्सफोर्ड की है। ये तीनों प्रॉमिसिंग लग रहा है। मुझे नहीं पता कि कौन सा काम करेगा। हो सकता है तीनों काम कर जाए या फिर कोई एक। मुझे पूरा यकीन है कि वैक्सीन कहीं न कहीं से अगले साल तक आ जाएगी।’
“Yeh bhaiya bataiye ki vaccine kab aayegi?,” Rahul Gandhi to public health expert Prof Ashish Jha, to which Jha says, “I am very confident a vaccine will come by next year”. pic.twitter.com/xBUb6zLXKI
— ANI (@ANI) May 27, 2020
भारतीय मूल के जाने माने अमेरिकी लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष झा ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 वायरस अगले साल तक रहने वाला है और लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां आरंभ करते समय लोगों के बीच विश्वास पैदा करने की जरूरत है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान ‘ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के नवनियुक्त डीन झा ने यह भी कहा कि भारत को लॉकडाउन और कोरोना जांच को लेकर रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के आर्थिक एवं स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव के साथ ही इसका मनोवैज्ञानिक असर भी है और सरकारों को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है।
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‘हारवर्ड ग्लोब्ल हेल्थ इंस्टीट्यूट’ के निदेशक झा ने कहा, ‘इस वायरस का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी है। लॉकडाउन के जरिए आप अपने लोगों को एक तरह का संदेश देते हैं कि स्थिति गंभीर है। ऐसे में जब आप आर्थिक गतिविधियां खोलते हैं तो आपको लोगों में विश्वास पैदा करना होता है।’ उनके मुताबिक यह वायरस अगले 18 महीने यानी 2021 तक रहने वाली समस्या है। अगले साल ही कोई टीका या दवा आएगी। लोगों को समझने की जरूरत है कि अब जीवन बदलने वाला है। अब जीवन पहले जैसा नहीं रहेगा।
लॉकडाउन से जुड़े राहुल गांधी के एक सवाल के जवाब में झा ने कहा कि सरकारों को रणनीति बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अच्छी बात यह है कि उसके पास बड़ी संख्या में नौजवान आबादी है जिसके लिए कोरोना घातक नहीं होगा। बुजुर्गों और अस्पतालों में भर्ती लोगों का ख्याल रखना होगा।