न्यूज डेस्क
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज अपने चुनावी वादों का पिटारा खोलेंगे। केंद्र के किले को फतह करने के लिए राहुल ने न्याय, नौकरी और स्टार्ट अप जैसे योजनाओं को अपना हथियार बनाने का फैसला किया है। घोषणापत्र कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की मौजूदगी में जारी होगा।
क्या हो सकता है खास
- राहुल गांधी अपने मैनीफेस्टों में 22 लाख नौकरियां देने की बात रख सकते हैं।
- न्याय योजना के तहत 25 करोड़ लोगों को सालाना 72 हजार रुपए देने का वादा राहुल पहले ही कर चुके हैं। इस योजना को कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में भी जगह दे सकती है।
- मॉइनॉरिटी के हितों की सुरक्षा के लिए राहुल अक्सर बात करते रहते हैं। सूत्रो की माने तो कांग्रेस अध्यक्ष ट्रिपल तलाक कानून को रद्द करने की घोषणा कर सकते हैं। गौरतलब है कि मुस्लिम समुदाय के कई लोग इस कानून से नाराज हैं।
- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का फोकस महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने का है। कांग्रेस संसद और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का वादा कर सकते हैं। इसक अलावा महिलाओं के साथ होने वाले अपराध रोकने के लिए त्वरित कार्यबल गठित करेंगे।
- असंगठित क्षेत्रों, खेती-बाड़ी और एमएसएमई से करीब 90 फीसदी नौकरियां निर्मित होंगी। स्टूडेंट्स को इनके अनुसार कौशल विकास प्रदान कर रोजगार देंगे.
- आरबीआई पॉलिसी और मौजूदा जीएसटी प्रणाली में बड़े बदलाव करने की बात कह सकते हैं। आरबीआई फंड के इस्तेमाल पर भी दस्तावेज बना सकते हैं। आरबीआई पॉलिसी को ज्यादा कड़े कर सकते हैं।
- हेल्थ को मूल अधिकार का दर्जा देने की घोषणा. आयुष्मान भारत को खत्म कर कोई दूसरी योजना लाई जा सकती है।
- राहुल पहले ही कह चुके है कि तीन साल तक नए उद्योगों को किसी रेगुलेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। एंजेल टैक्स को खत्म करेंगे। इसके अलावा छोटे व्यापारियों को आसानी से कर्ज मिलेगा।
- राहुल किसानों के मुद्दे को लगातार उठाते रहे हैं। 2019 चुनाव में भी किसान अहम रोल निभा सकते हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस किसानों के ऋण माफी की बड़ी घोषणा भी कर सकती है। इसके अलावा किसानों को फसल का सही दाम देने के लिए योजना और उनके उत्पादों के लिए विश्व बाजार स्थापित करने की घोषणा कर सकते हैं।
- राहुल गांधी नीति आयोग को खत्म करने की बात अपने भाषणों में करते रहते हैं। माना जा रहा है कि राहुल नीति योजना को बदं करके योजना आयोग को दोबारा बहाल किए जाने की घोषणा कर सकते हैं।
- शिक्षा पर जीडीपी को छह फीसदी खर्च किया जाएगा।