जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। राहुल गांधी एक बार फिर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं। जो कांग्रेस लगातार राज्यों के चुनाव में हार रही थी वो अब पटरी पर लौटती हुई नजर आ रही है।
कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए राहुल गांधी लगातार पूरा जोर लगा रहे हैं। दरअसल राहुल गांधी लोगों से मिलकर कांग्रेस का वोट बैंक मजबूत करने के लिए इस वक्त देश का दौरा कर रहे हैं। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के सहारे राहुल गांधी 2024 में सत्ता पर काबिज होने कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इतना ही नहीं ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लोग भी हाथों-हाथ लेते हुए नजर आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के कई वीडियो इस समय लगातार सुर्खियों में है। राहुल गांधी को लेकर भी लोगोंं की सोच बदली है और उनकी नजर में राहुल गांधी अब एक मंजे हुए पॉलिटेशन लग रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या राहुल गांधी 2024 में विपक्ष का चेहरा हो सकते हैं।हालांकि इस पर विपक्ष एक नजर नहीं आ रहा है। कुछ नेताओं को राहुल गांधी के नाम पर कोई ऐतराज नहीं है लेकिन तीन ऐसे नेता है जो शायद राहुल गांधी के नाम पर हामी न भरे।
ये नेता कर रहे हैं राहुल गांधी का समर्थन
पहले बात करते है कौन-कौन लोग राहुल गांधी को अपना समर्थन दे रहे हैं। उनमें तमिलनाडु के सीएम और डीएमके चीफ ने भी राहुल गांधी पर अपना विश्वास जताया है जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राहुल गांधी का समर्थन कर चुके हैं जबकि शिवसेना की ओर से भी समर्थन आता दिखा।
हाल में उन्होंने कि उन्हें नहीं लगता कि सहयोगी दल कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रासंगिकता या महत्व खो दिया है। स्टालिन ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए एक राष्ट्रीय गठबंधन की हिमायत की। इसमें देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस भी शामिल हो। स्टालिन ने कहा कांग्रेस पटरी पर लौट रही है, जिसकी भारत को अभी जरूरत है।
यह पार्टी फिर से उभरने की राह पर है। वहीं कुछ दिन पहले नीतीश कुमार भी ऐसा ही कुछ कहा था। नीतीश कुमार ने कहा था कि नीतीश कुमार ने साफ करते हुए कहा कि कहा कि हमें राहुल गांधी के नाम पर हमें कोई दिक्कत नहीं है। विपक्षी दल की बैठक के बाद नाम तय कर लिया जाएगा।
अभी सभी पार्टियां अपने कार्यक्रमों में लगी हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह नया अवतार जारी रहा तो 2024 में बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेगा।
संजय राउत ने कहा कि दिल्ली की इस कडड़ाती ठंड में राहुल गांधी ने सिर्फ एक टी-शर्ट पहन रखी है और उनकी टी-शर्ट पर बार-बार पूछे गए सवालों का जवाब हिला देने वाला था कि यह सवाल कभी भी गरीब और मजदूर वर्ग से नहीं पूछा जाता है। शिवसेना सांसद ने कहा, ‘2022 में राहुल गांधी का एक नया अवतार देखा गया। अगर यह 2023 में जारी रहा, तो 2024 में राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकता है।’
ममता, केजरीवाल और अखिलेश का रुख साफ नहीं
दूसरी तरफ ममता, केजरीवाल और अखिलेश यादव ने अभी तक राहुल गांधी को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं की है। ममता भले ही मोदी के खिलाफ हो लेकिन वो कांग्रेस के साथ जाने से बचती रही है।
दरअसल ममता ने जब से बंगाल में बड़ी जीत दर्ज की तब से वो खुद को पीएम के तौर पर पेश करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। यहीं हाल केजरीवाल का है।
वो मोदी के खिलाफ है लेकिन कांगे्रस से उनकी दूरी किसी से छुपी नहीं है। इतना ही नहीं कई राज्यों में कांग्रेस को हराने के लिए उनकी पार्टी काम करती है।
वहीं अखिलेश यादव भी राहुल गांधी को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं कर पाये हैं। हालांकि वक्त पडऩे पर कांग्रेस की मदद के लिए आगे जरूर आते हैं लेकिन पीएम का चेहरा कौन होगा इसका जवाब फिलहाल अखिलेश यादव के पास भी नहीं है। वहीं मायावती भी कांग्रेस को घेरने का कोकोई मौका नहीं छोड़ती है।