जुबिली न्यूज डेस्क
सोमवार को संसद सत्र के दौरान अग्निवीर योजना के मुद्दे पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई. सफ़ाई देने के लिए विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण के बीच खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उठ खड़े हुए.
दरअसल अग्निवीर को लेकर राहुल गांधी ने तीखा हमला बोला और कहा, “एक बारूदी सुरंग से एक अग्निवीर शहीद हुआ. मैं उसे शहीद कह रहा हूं लेकिन भारत सरकार और नरेंद्र मोदी उसे शहीद नहीं कहते, उसे अग्निवीर कहते हैं, उसे पेंशन नहीं मिलेगी. उस घर को मुआवज़ा नहीं मिलेगा. शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा.”
अग्निवीर यूज़ एंड थ्रो मज़दूर हैं
राहुल गांधी ने कहा भारत के एक आम जवान को पेंशन मिलेगी लेकिन एक अग्निवीर को जवान नहीं कहा जा सकता. अग्निवीर यूज़ एंड थ्रो मज़दूर हैं. उसे आप छह महीने की ट्रेनिंग देते हैं जिसे दूसरी तरफ़ पांच साल की ट्रेनिंग पाए चीन के जवान के सामने खड़ा कर दिया जाता है.
सरकार पर उन्होंने आरोप लगाया एक जवान और दूसरे जवान के बीच फूट डाल देते हो. एक को पेंशन मिलेगी, शहीद का दर्ज़ा मिलेगा और दूसरे को न तो पेंशन मिलेगी न ही शहीद का दर्जा मिलेगा. और फिर अपने आपको देश भक्त कहते हो. ये कैसे देश भक्त हैं.
राहुल गांधी के भाषण के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खड़े होकर सफ़ाई दी और कहा, “ग़लतबयानी करके सदन को गुमराह करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि युद्ध के दौरान या सीमा सुरक्षा के दौरान अगर किसी अग्निवीर की मौत होती है तो उसके परिजन को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि मुहैया कराई जाती है. हालांकि इस मुद्दे पर कुछ देर तक दोनों तरफ़ से टीका टिप्पणी की गई.