न्यूज डेस्क
देश की सियासत में अमेठी की पहचान कांग्रेस का गढ़ के तौर पर है, लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के गढ़ में ‘विभीषणों’ के सहारे सेंधमारी कर दी। राहुल गांधी लगभग 55 हजार वोट से उनसे चुनाव हार गए। इस हार ने कांग्रेसियों और कांग्रेस अध्यक्ष को झकझोर दिया।
हार से मायूस राहुल ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और कोप भवन में चले गए। लेकिन कई दिनों बाद जब वो अमेठी पहुंचे तो उनका मकसद न सिर्फ कार्यकर्ताओं को अभी तक के सहयोग के लिए धन्यवाद देना था, बल्कि हार के कारण भी जानना था।
राहुल गांधी ने सधे हुए नेता की तरह कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और जानने की कोशिश कि की आखिर अमेठी में बीजेपी ने सेंध मारी कैसे की। इसके लिए राहुल ने अमेठी के नेताओं और पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया और उनसे बात की। इस मीटिंग में राहुल ने सच्चाई जानने के लिए जिला पंचायत से लेकर ग्राम सभा स्तर के सदस्यों को बुलाया गया।
चुनाव मैनेजमेंट से कार्यकर्ताओं की नाराजगी
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने किसी पर भी सवाल उठाए बिना सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया और कहा कि गांधी परिवार का अमेठी से गहरा रिश्ता है, जो कभी नहीं टूटने वाला। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने राहुल को हार के कारण भी बताए। सूत्रों की माने तो कई पदाधिकारियों ने बताया कि राहुल गांधी से किसी भी कार्यकर्ता को कोई शिकायत नहीं। कार्यकर्ताओं की नाराजगी चुनाव मैनेजमेंट संभालने वाली टीम से है। जो मैसेज बूथ स्तर तक जाना चाहिए था, वो नहीं पहुंचा।
इस दौरान सतीश कुमार सोनी ने बताया कि जिला संगठन में ऊपर के स्तर के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। इस दौरान ये बात भी कही गई कि बीजेपी ने चुनाव में साम, दाम, दंड, भेद सबका इस्तेमाल किया. जबकि, कांग्रेस चुपचाप सब देखती रही। जिला संगठन के नेता इस गफलत में थे कि चुनाव राहुल आसानी से जीत लेंगे, जिस दिन वोटिंग हुई उस दिन भी यही फीडबैक राहुल को दिया गया था कि वह चुनाव जीत रहे हैं।
राहुल गांधी की अमेठी में हार के कारण पूछने पर अमेठी की जनता बंटी नजर आई। कुछ का कहना है कि राहुल अपनी टीम के कारण हारे तो कुछ ये भी कहते हैं कि स्मृति ने पिछले पांच साल में यहां काफी मेहनत की। कई ने सीधे तौर राहुल गांधी की टीम पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा टीम राहुल की वजह से राहुल गांधी की अमेठी में हार हुई।
हाथ हिलाकर चुनाव जीतने का दौर चला गया है
गौरीगंज के प्रीतम द्विवेदी ने बताया कि कांग्रेस अमेठी संगठन के बड़े नेता आम जनता को राहुल गांधी से मिलने ही नहीं देते थे। जिस इलाके में समस्याएं होती थीं. वहां, राहुल गांधी का दौरा रखा ही नहीं जाता था। उन्होंने खुद कई बार राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की। एक बार हाथ मिलाने का मौका, तो मिला लेकिन समय इतना कम था कि वह अपनी बात ही नहीं कह पाए। प्रीतम के मुताबिक अब हाथ हिलाकर चुनाव जीतने का दौर चला गया है।
दोबारा से संगठन मजबूत करेगी कांग्रेस
कांग्रेस विधायक अजय लल्लू ने बताया कि 2022 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अमेठी संगठन को दोबारा से मजबूत करेगी। लल्लू के मुताबिक इस हार से सबक लेते हुए बूथ स्तर तक समीक्षा की जाएगी। 11 व 12 जुलाई को वह अमेठी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। अजय लल्लू के मुताबिक अमेठी से गांधी परिवार का अटूट नाता है। एक हार ने झटका तो दिया है। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही हालात बदलेंगे।