जयपुर: राजस्थान में पिछले पांच साल से कानून व्यवस्था को लेकर अशोक गहलोत शासन पर सवाल उठते रहे। विधानसभा चुनाव में गहलोत का शासन चला गया और अब भाजपा की नई सरकार का गठन होना है। सरकार के गठन से पहले ही जयपुर में दिनदहाड़े हुए दोहरे हत्याकांड ने कानून व्यवस्था को लेकर फिर से सवाल खड़े कर दिए। शहर के वीआईपी इलाके श्याम नगर में घर में घुसकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी। राजधानी में हुए इस हत्याकांड ने पुलिस के खुफियां तंत्र और सुरक्षा इंतजाम की पोल खोल दी है।
कानून व्यवस्था को संभालना बड़ी चुनौती
पिछले दिनों राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था एक बड़ा चुनावी मुद्दा था। प्रदेश में लगातार बढते रहे अपराधों को लेकर भाजपा ने सत्ता पक्ष कांग्रेस को घेरा। पिछले पांच साल में हुए गंभीर अपराधों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए गए। चुनाव में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को नकारा और भाजपा पर भरोसा जताया। भाजपा को बहुमत तो मिल गया लेकिन फिलहाल नई सरकार का गठन नहीं हुआ। नई सरकार बनने से पहले ही कानून व्यवस्था एक बड़ी चुनौती बन गई है। आगामी तीन चार दिनों में गठित होने वाली सरकार के लिए कानून व्यवस्था को संभालना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
राज्यपाल ने डीजीपी को किया तलब
अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। नई सरकार के गठन तक राज्यपाल ने उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने और कामकाज संभालने का जिम्मा भले ही दिया है लेकिन प्रशासनिक शक्तियां राज्यपाल के अधीन हैं। इस दोहरे हत्याकांड के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा को तलब किया। मिश्र ने इस हत्याकांड पर त्वरित संज्ञान लेते हुए अपराधियों के खिलाफ कड़ी और प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मिश्र ने मिश्रा से फोन पर घटना की पूरी जानकारी ली। साथ ही राज्यपाल ने प्रदेशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।