पॉलिटिकल डेस्क।
2019 का लोकसभा चुनाव कई मायने में महत्वपूर्ण हैं। इस चुनाव में बहुत सी ऐसी बाते हुईं जो पहले के चुनाव से अलग हैं। ऐसा ही कुछ मामला प्रत्याशियों के नामांकन से भी जुड़ा हुआ है। दरअसल इस बार चुनाव आयोग ने बड़ी संख्या में प्रत्याशियों के नामांकन रद्द किए हैं।
हाल ही में वराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव में उतरे बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर का नामांकन रद्द किया गया जिसे लेकर कई सवाल भी विपक्ष ने उठाए हैं। वहीं अब गोरखपुर से बीजेपी उम्मीदवार रवि किशन के शपथ-पत्र में गलतियों को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की गई है।
संतोष मणि त्रिपाठी नाम के शिकायतकर्ता का कहना है कि रवि किशन द्वारा नामांकन पत्र में दिया गया व्यक्तिगत विवरण गलत है। आरोप है कि रवि किशन ने 2014 में जौनपुर से भरे गए नामांकन पत्र में अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक बताई थी जबकि इस बार उन्होंने योग्यता 12वीं पास बताई है। इसके आलावा रवि किशन ने अपने शपथ पत्र में हस्ताक्षर भी नहीं किए हैं।
बता दें कि रवि किशन ने 23 अप्रैल को नामांकन भरा था। गोरखपुर में सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है। इसके लिए 22 अप्रैल से गोरखपुर में नामांकन पत्रों की बिक्री और दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।
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नामांकन की आखिरी तारीख 29 अप्रैल थी और नामांकन पत्रों की जांच के लिए 30 अप्रैल की तिथि तय थी। अब ऐसे में शिकायतकर्ता की शिकायत पर निर्वाचन अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं यह देखना होगा।
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि रवि किशन के नामांकन पत्र में जो गड़बड़ी है उस पर अब कार्रवाई होने की संभावना कम ही है।
2018 में हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी की यहां से हुई थी हार
भाजपा के लिए गोरखपुर सीट बड़ी ही अहम है। यह सीट यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का गढ़ है। 1998 में योगी आदित्यनाथ उनके राजनीतिक विरासत के तौर पर उतरे और इस पर लगातार जीतते रहे।
वह 2014 तक लगातार पांच बार इस सीट से सांसद चुने गए। लेकिन सीएम बनने के बाद 2017 में उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया और 2018 में बसपा के समर्थन से सपा से प्रवीण कुमार निषाद यहां सांसद बने थे। अब इस सीट से भाजपा ने रवि किशन को मैदान में उतारा है।