जुबिली स्पेशल डेस्क
23 जून 2023… की वो तारीख थी जिसने रूस जैसे शक्तिशाली देश की नींद उड़ाकर रख दी थी। दरअसल इस दिन हजारों की संख्या में हथियारबंद लड़ाके रूस की सडक़ों पर नजर आ रहे थे। इतना ही नहीं इन लोगों ने सेना के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।
इस वजह से पुतिन की सत्ता भी खतरे में पड़ गई थी लेकिन उस वक्त पुतिन ने देख लिया था कि अगर समय रहते हुए कुछ नहीं किया तो देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो जायेगी।
इसका नतीजा ये रहा कि बातचीत से निपटाना ठीक समझा। इसके साथ ही बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता के बाद वैगनर आर्मी चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने लड़ाकों को पीछे हटाने का ऐलान कर दिया था। लेकिन पुतिन ने अपने गुस्से का इजहार किया था और कहा था कि ”हमारी पीठ में छुरा घोंपा गया और उन्हें इसकी सजा मिलेगी. हम अपने लोगों की सुरक्षा के लिए लड़ रहे ह। हथियारबंद बागियों को हम करारा जवाब देंग। ”
इस पूरी घटना को करीब-करीब 2 महीने गुजर गए है लेकिन 23 अगस्त को रूस से एक और खबर आई. वैगनर आर्मी चीफ येवगेनी प्रिगोझिन का प्लेन क्रैश हो गया।
इस हादसे में प्रिगोझिन समेत 10 लोगों के मौत की नींद सोने की खबर है। प्रिगोझिन उसी वैगनर आर्मी के चीफ थे, जिसने जून में रूसी सेना के खिलाफ विद्रोह किया था।
खास बात ये है कि कभी प्रिगोझिन को पुतिन के सबसे करीबी नेताओं में एक माना जाता था। येवगेनी प्रिगोझिन पुतिन के रसोइये के तौर पर जाने जाते थे।प्रिगोझिन की मौत पर अब सोशल मीडिया पर नई बहस को जन्म दिया। लोगों के बीच उसकी मौत पर सवाल उठाया जा रहा है।
इतना ही नहीं वेस्टर्न मीडिया में भी प्रिगोझिन की मौत के पीछे पुतिन का हाथ बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर पुतिन का एक पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है. इसमें पुतिन से इंटरव्यू में पूछा गया, ”क्या आप माफ करने में सक्षम हैं? इस पर पुतिन कहते हैं, हां, लेकिन हर किसी को नहीं. इस पर उनसे पूछा जाता है कि आपके लिए किसे भूलना असंभव है।