राजीव ओझा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सत्ता सम्भालते ही प्रदेश में अपराधियों की धर पकड़ और सफाए का अभियान छेड़ दिया था। खासकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में। इससे अपराध नियंत्रण में कितनी मदद मिली यह अलग बहस का मुद्दा है। फिलहाल झांसी में पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है।
प्रदेश में 21 अक्टूबर को 11 विधान सभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। इसको लेकर कोई खास राजनीतिक गरमी नहीं थी, लेकिन झांसी के मोठ क्षेत्र में पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर ने सियासी माहौल गरमा दिया है। पुलिस इन्पेक्टर को भी चेहरे पर चोट लगी है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच पूर्व सीएम भी बुधवार को पुष्पेंद्र यादव के परिजनों से मिल आयें हैं। एनकाउंटर का सच मजिस्ट्रेटी जांच के बाद शायद पता चले। लेकिन इस मुठभेठ ने एक बार फिर अवैध बालू खनन को लेकर अवैध लेनदेन की ओर इशारा कर दिया है।
पुष्पेन्द्र के परिजनों का आरोप
पुष्पेन्द्र के परिजनों का आरोप है कि पुष्पेन्द्र ने जब पुलिस को रिश्वत नहीं दी तो पुलिस ने पुष्पेन्द्र का एनकाउंटर कर दिया। जबकि पुलिस का कहना है कि पुष्पेन्द्र अपराधी प्रवृत्ति का था उस पर 5 मुकदमें दर्ज हैं। घटना वाली रात पुलिस ने जब उसके वाहन को रोकना चाहा तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस कि जवाबी कारवाई में पुष्पेन्द्र के सर में गोली लगी जिससे उसकी मौत हो गई। बाकी साथी भाग गए।
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पुष्पेंद्र यादव की निर्मम हत्या के आरोपों में घिरी ‘हत्या प्रदेश’ की पुलिस अब ट्वीटर पर भी दमनकारी रूप दिखा रही है! मृतक और उसके शोकाकुल परिवार को इंसाफ़ दिलाने के लिए उठ रहीं आवाज़ों को कहाँ तक दबाएगी सरकार? शर्मनाक! @ANINewsUP @PTI_News https://t.co/6gDntb9b5Z
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 9, 2019
अखिलेश यादव ने पुष्पेंद्र यादव के परिवार वालों से मुलाकात की
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार झांसी के करगुवा खुर्द पहुंच कर वे एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेंद्र यादव के परिवार वालों से मुलाकात की। उनके पहुँचने के पहले झांसी में एनकाउंटर को लेकर सपा नेता व कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने राज्यसभा सांसद चंद्रपाल यादव समेत 39 लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।
पुलिस का कहना है कि शनिवार रात पुष्पेन्द्र ने दुस्साहसिक तरीके से मोंठ थाने के इंस्पेक्टर पर हमला करने के बाद कार लूटकर भागने वाले पुष्पेंद्र यादव को गुरसराय थाना क्षेत्र में रविवार को पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। शनिवार को रात करीब नौ बजे मोंठ प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह चौहान पर बमरौली बाईपास तिराहा के पास हमला किया गया था।
पुष्पेन्द्र कि पत्नी का कहना है कि पुलिस डेढ़ लाख कि रिश्वत मांग रही थी और पैसा न मिलने पर उनके पति कि हत्या कर दी गई।
सपा ने उठाया मुठभेड़ों पर सवाल
सपा इन मुठभेड़ों पर शुरू से सवाल उठाती रही है। सपा का कहना है कि सरकार अल्प संख्यकों और जाति विशेष के लोगों का उत्पीडन कर रही है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा चल रहा है। सरकार के पक्ष और विपक्ष में दो खेमे एक दूसरे पर वार कर रहे हैं।
उपचुनावों पर इसका असर पड़ सकता है
ऐसे में चित्रकूट के मानिकपुर उपचुनावों पर इसका असर पड़ सकता है। सरकार कोई भी रही हो यह अवैध धंधा डंके की चोट पर चल रहा है। सत्ता, माफिया, पुलिस के गठजोड़ का यह एक बड़ा उदाहरण है। पुष्पेंद्र मुठभेड़ की पृष्ठभूमि में भी खनन का काला कारोबार है। इसकी कालिख पुलिस पर भी लगती रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार दोपहर एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेंद्र यादव के परिजनों से मुलाकात करने झांसी स्थित करगुआ खुर्द गांव पहुंचे। पुष्पेंद्र के आवास पर पहुंच कर अखिलेश ने उसके परिजनों से मुलाकात की और ढांढस बंधाया।
सपा ने हाईकोर्ट के किसी सिटिंग जज से जांच की मांग की
पिछले दिनों पुष्पेंद्र यादव के एनकाउंटर को लेकर अखिलेश ने झांसी पुलिस की निंदा करते हुए कहा था कि पुष्पेंद्र को न्याय देने के बजाय उलटा उनके शोकाकुल परिजनों पर झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने इस एनकाउंटर की जांच हाईकोर्ट के किसी सिटिंग जज से कराए जाने की मांग की। इस मामले में देर रात एरच के करगुवां निवासी विपिन, पुष्पेंद्र व रविंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
एनकाउंटर पर क्यों उठ रहे हैं सवाल
बताया गया कि 29 सितंबर को बालू से भरा ट्रक बंद किए जाने के विरोध में इंस्पेक्टर पर हमला किया गया था। घटना के बाद पुलिस ने हमलावरों की घेराबंदी की थी। शनिवार रात दुस्साहसिक तरीके से मोंठ थाने के इंस्पेक्टर पर हमला करने के बाद कार लूटकर भागने वाले पुष्पेंद्र यादव को गुरसराय थाना क्षेत्र में रविवार को पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। आरोप है कि शनिवार को रात करीब नौ बजे मोंठ प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह चौहान पर बमरौली बाईपास तिराहा के पास हमला किया गया था।
एसएसपी डॉ.ओपी सिंह का बयान
एसएसपी डॉ.ओपी सिंह के अनुसार गुरसराय क्षेत्र में रात करीब 2.30 बजे फरीदा गांव के पास सड़क पर कार आती दिखी। पुलिस ने कार को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान कार सवारों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जो पुष्पेंद्र के सिर में जा लगी। मौका पाकर अन्य दो साथी भाग निकले। पुलिस टीम पुष्पेंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंची, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।