जुबिली स्पेशल डेस्क
किसान आंदोलन अब भी जारी है। सरकार अब भी कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है जबकि किसान उसे हर हाल में वापस कराना चाहते हैं।
इतना ही नहीं सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक 11वें दौर की बातचीत हुई लेकिन उसका नतीजा कुछ भी नहीं निकला है। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इसको लेकर कहा था कि किसानों के बीच कुछ लोग गलतफहमियां पैदा की है।
किसानों को बरगलाया जा रहा है। हालांकि सरकार ने तमाम प्रस्ताव दिए मगर किसान नेताओं ने सभी प्रस्ताव ठुकर चुकी है। अब पंजाब के एक किसान ने पीएम मोदी की वृद्ध मां हीराबेन मोदी को पत्र लिखा है। इस किसान ने पीएम मोदी की मां को बेहद भावुक खत लिखा है।
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इस पत्र में किसान ने गुहार लगायी है कि वह अपने बेटे को तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए कहें। पत्र लिखने वाले को उम्मीद है कि मां के कहने पर पीएम मोदी अपना मन बदल लेगे।
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उसे उम्मीद है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी को अपना मन बदलने के लिए अपनी सारी शक्तियों का इस्तेमाल एक मां के रूप में करेंगी। जानकारी के मुताबिक यह पत्र पंजाब के फिरोज़पुर जिले के गाँव गोलू का मोढ के रहनेवाले हरप्रीत सिंह ने लिखा है।
क्या लिखा है पत्र में
हरप्रीत सिंह ने लिखा है कि मैं इस पत्र को भारी मन से लिख रहा हूं। जैसा कि आप जानती होंगी कि देश और दुनिया को खिलाने वाले अन्नदाता तीनों काले कानूनों के कारण कड़ाके की सर्दियों में भी दिल्ली की सड़कों पर सोने को मजबूर हैं।
इस आंदोलन में 90 से 95 साल के बुजुर्ग के अलावा बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। इस आंदोलन में कई किसान जान गंवा चुके हैं, जो हम सभी के लिए चिंता का विषय है।
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उन्होंने आगे लिखा है, कि दिल्ली की सीमाओं पर यह शांतिपूर्ण आंदोलन तीन काले कानूनों के कारण हुआ है जो अडानी, अंबानी और अन्य कॉर्पोरेट घरानों के इशारे पर पारित किए गए हैं।
बता दें कि 11वें दौर की बेनतीजा होने से एक बात साफ है कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत का पुल टूट गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि बातचीत पूरी हुई। जरूरी बात यह है कि 11वें दौर की बातचीत सिर्फ 15 मिनट में खत्म हो गई थी।