जुबिली स्पेशल डेस्क
शंभू बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए कई किसानों को हिरासत में लिया और धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया।
इस पूरे मामले पर किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग पूनिया का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसानों की आवाज नहीं सुन रही है।
पूनिया ने आगे कहा, “अगर सरकार वाकई किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर होती, तो वह समाधान निकालती। लेकिन दमनकारी रवैया दिखाता है कि बातचीत के नाम पर केवल दिखावा किया जा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “केंद्र और पंजाब सरकार के इस दमनकारी कदम का पूरे देश को विरोध करना चाहिए।”
सरकार किसानों से बातचीत के नाम पर खाली दिखावा कर रही थी ये बात सरकार की इस कायराना हरकत से साफ हो गई है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि किसान नेताओं को वार्ता के बहाने बुलाकर उन्हें गिरफ्तार करना कहां की बहादुरी है। सरवन सिंह पंढेर और डल्लेवाल समेत कई किसान नेता जब अपनी माँगों को लेकर सरकार से मिले, तो उम्मीद थी कि कोई समाधान निकलेगा। लेकिन सरकार ने बातचीत के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया। ये किसानों के साथ विश्वासघात नहीं तो और क्या है?
अगर सरकार किसानों की आवाज़ सुनने के लिए सच में गंभीर होती, तो उनकी समस्याओं का समाधान निकालती, न कि उन्हें दबाने की कोशिश करती। यह दमनकारी रवैया बताता है कि सरकार वार्ता के नाम पर सिर्फ़ दिखावा कर रही है जबकि सरकार का असल मकसद किसान आंदोलन को कुचलना है। सभी देशवासियों को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए और केंद्र ओर पंजाब सरकार के इस दमनकारी कृत्य का विरोध करना चाहिए।