जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. शिक्षा मित्र की नौकरी हासिल करने के लिए इटावा के शिव सिंह ने हाईस्कूल की फर्जी मार्कशीट लगा दी. वह वास्तव में थर्ड डिवीज़न में पास हुआ था लेकिन उसने सेकेण्ड डिवीज़न पास की फर्जी हाईस्कूल मार्कशीट लगाकर साल 2004 में नौकरी हासिल कर ली. शिकायत के बाद जांच हुई और शिवसिंह को चार साल की सजा और पांच हज़ार के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई.
बताया जाता है कि 2004 में इटावा के भिटहरी गांव में शिक्षामित्र की नौकरियां निकलीं. सदूपुरा गांव के शिवसिंह ने आवेदन किया. इसी गांव के अमर सिंह और जय नारायण ने भी आवेदन किया. शिवसिंह की नियुक्ति हो गई जबकि अमर सिंह और जय नारायण को नौकरी नहीं मिली. इन दोनों ने खंड शिक्षा अधिकारी अवध नारायण पाठक से इस बात की लिखित शिकायत की कि शिवसिंह को फर्जी मार्कशीट पर नौकरी दे दी गई जबकि उन्हें नौकरी नहीं मिली. शिकायत मिलने के बाद जांच में शिकायत सही पाई गई और शिवसिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया.
पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में आरोप पत्र जमा कर दिया. 18 साल की कानूनी लड़ाई के बाद अदालत ने शिवसिंह को दोषी पाया और उसे चार साल की सज़ा सुनाई. अदालत ने उस पर पांच हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर छह महीने की सज़ा और काटनी होगी.
यह भी पढ़ें : छेड़खानी की शिकायत पर एक्शन में पाण्डेय जी, थप्पड़ों की बरसात के बाद…
यह भी पढ़ें : दो मासूम बच्चो पर आवारा कुत्तों का हमला, एक की मौत दूसरे की हालत नाज़ुक
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : द कश्मीर फाइल्स मरहम बने तो बेहतर वर्ना…