जुबिली न्यूज डेस्क
पुडुचेरी में राजनीतिक संकट के गहराता जा रहा है। एक तरफ जहां कांग्रेस के एक और विधायक के इस्तीफे के बाद सरकार ने विधानसभा में बहुमत खो दिया है। वहीं इस बीच किरण बेदी को एलजी पद से हटा दिया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बेदी को तुरंत प्रभाव से हटाते हुए तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन को पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है।
बता दें कि पुदुचेरी की कांग्रेस सरकार किरण बेदी को हटाने की मांग कर रही थी। किरण बेदी ने बुधवार सुबह ट्वीट करके अपने इस कार्यकाल के दौरान सभी के सहयोग पर धन्यवाद दिया है।
Thank all those who were a part my journey as Lt Governor of Puducherry—
The People of Puducherry and all the Public officials. 🙏 pic.twitter.com/ckvwJ694qq— Kiran Bedi (@thekiranbedi) February 17, 2021
किरण बेदी ने अपने ट्वीट के साथ वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह अपना संदेश पढ़कर सुना रही हैं। किरण बेदी ने लिखा है, ‘पुदुचेरी के उप राज्यपाल के रूप में मेरी यात्रा में शामिल पुदुचेरी की जनता और सरकारी अफसरों को धन्यवाद।’
अपने संदेश में किरण बेदी ने कहा, ‘पुदुचेरी के उप राज्यपाल के रूप में जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव मुहैया कराने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद। मैं उन लोगों को भी धन्यवाद देती हूं जिन्होंने मेरे साथ काम किया। गहरे संतोष भाव के साथ मैं कह सकती हूं कि ‘टीम राजनिवास’ ने जनता के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर पूरी मेहनत से काम किया।’ किरण बेदी ने आगे कहा, ‘पुदुचेरी का उज्जवल भविष्य यहां की जनता के हाथों में है। एक समृद्ध पुदुचेरी के लिए मेरी शुभकामनाएं।’
दूसरी ओर एक और विधायक के इस्तीफे के बाद पुदुचेरी की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में बहुमत खो दिया है। कांग्रेस विधायक जॉन कुमार ने मंगलवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
इसके साथ ही गत एक महीने में वह चौथे विधायक हो गए हैं जिन्होंने विधायक पद छोड़ा है। कांग्रेस नीत गठबंधन के अब 14 विधायक रह गए हैं। इस मौके का लाभ उठाते हुए विपक्ष ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी से इस्तीफा मांगते हुए कहा कि सरकार अल्पमत में है।
पुदुचेरी की 33 सदस्यीय विधानसभा में अब विपक्ष के सदस्यों की संख्या भी 14 है। सदन में प्रभावी सदस्यों की संख्या के आधार पर बहुमत का आंकड़ा 15 है। मंगलवार को विधानसभा में कांग्रेस के 10, द्रमुक के तीन, ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के सात, अन्नाद्रमुक के चार, भाजपा के तीन (सभी नामांकित एवं मत देने का अधिकार रखते हैं) और एक निर्दलीय विधायक रह गया है। कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दिया है जबकि एक विधायक को अयोग्य ठहराया गया है।