जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म में शामिल हो जाने वाले उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. यूसुफ उमर अंसारी द्वारा दायर की गई इस याचिका में कहा गया है कि वसीम रिजवी ने राजनीति से प्रेरित होकर पैगम्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब और कुरान का अपमान किया है. याचिका में कहा गया है कि वसीम रिजवी का लम्बा आपराधिक इतिहास है और उन्होंने पैगम्बर और कुरान पर विवादित बयान देकर दुनिया भर में माहौल बिगाड़ने का काम किया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि कुरान इस्लाम की धार्मिक किताब है और इस पर पूरी दुनिया के मुसलमानों की आस्था है. इस किताब में किसी भी तरह के संशोधन की बात करना ही अनुचित है. वसीम रिजवी ने कुरान में संशोधन की बात कर जिस तरह से माहौल बिगाड़ने की साज़िश रची है उसके लिए उनके खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.
इस याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट से यह भी मांग की गई है कि वसीम रिजवी द्वारा सोशल मीडिया पर की गई इस्लाम विरोधी टिप्पड़ियों को हटाया जाए. गाज़ियाबाद के डासना में देवी मन्दिर में हिन्दू धर्म अपनाने वाले वसीम रिजवी ने जितेन्द्र नारायण त्यागी बनने के बाद भी विवादित बयान देते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन वाली यहाँ कोई बात ही नहीं है. जब मुझको इस्लाम से निकाल दिया गया तो मैं जहाँ चाहूँ वहां जाऊं. हिन्दू धर्म सनातन धर्म है. बहुत पुराना धर्म है. मैंने उसे अपना लिया. वसीम रिजवी ने जितेन्द्र नारायण त्यागी बनने से पहले ही यह वसीयत कर दी थी कि उन्हें मरने के बाद दफनाने के बजाय हिन्दू रीति-रिवाज से जलाया जाये. उनकी चिता को यति नरसिम्हानन्द अग्नि दें.
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